चुनाव की अधिसूचना जारी होने के बाद भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या सहित कई मंत्रियों ने जनसभाएं कीं और भाजपा प्रत्याशी को जिताने के लिए पूरा दम लगाया। हालांकि स्वास्थ्य कारणों के चलते प्रत्याशी कुंवर सर्वेश कुमार प्रचार नहीं कर सके।
मतदान के दूसरे दिन उनका निधन हो गया। भाजपा के एक वर्ग का मानना है कि भाजपा प्रत्याशी के सामने नहीं आने से चुनाव प्रचार जोर नहीं पकड़ सका। पार्टी के लोगों का कहना है कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा के चाणक्य समझे जाने वाले केंद्रीय गृह मंत्री की रणनीति काम नहीं आई। उन्होंने वंडर लैंड पुल के नजदीक एक होटल में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेताओं की बैठक की।
चुनाव की रणनीति बनाई, लेकिन वह रणनीति पश्चिमी उत्तर प्रदेश में काम नहीं कर पाई। भाजपा को रामपुर, नगीना, संभल, मुरादाबाद सहित कई सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। भाजपा 2019 के चुनाव में एक लाख मतों से हारी थी। इस बार एक साल से अधिक मतों से भाजपा को हार का सामना करना पड़ा है। लोगों का कहना था कि उम्मीद के विपरीत परिणाम आया है।
भाजपा के नगर विधायक रितेश गुप्ता का कहना है कि हार की समीक्षा की जाएगी। उम्मीद के विपरीत परिणाम आया है। पार्टी में इस मामले में विचार किया जाएगा। वहीं पार्टी के एक पक्ष का मानना है कि संगठन के कुछ लोगों ने जनसंपर्क के कार्यों में ईमानदारी नहीं दिखाई थी।