वेस्ट यूपी में र्इद आैर कांवड़ यात्रा पर खतरे को लेकर एडीजी ने दिए हैं ये कड़े आदेश
सफ़र के दौरान आईडी न होना पड़ता था भारी
यहां बता दें कि ट्रेनों में रिज़र्व टिकट लेकर चलने वाले यात्रियों को पहचान पत्र रखना अनिवार्य है। इसके न होने पर यात्रियों को बिना टिकट माना जाता है। ऐसे यात्रियों से टीटीई जुर्माना वसूलते हैं। जनरल टिकट लेकर चलने वाले वरिष्ठ नागरिकों व छात्रों को उम्र का प्रमाण पत्र साथ रखना पड़ता है। यात्रियों को पहचान पत्र के रूप में आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, राष्ट्रीयकृत बैंकों की फोटोयुक्त पासबुक, सरकारी कार्यालय से जारी मूल पहचान पत्र आदि में से किसी एक को रखना पड़ता है। कई बार यात्री पहचान पत्र भूल जाते हैं तो उन्हें बिना माना जाता है। उनसे चेकिंग दल जुर्माना वसूलता है। इसी को ध्यान में रखते हुए पहचान पत्र की बाध्यता खत्म करने की कवायद की जा रही है।
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ऐसे मिलेगी सुविधा
जानकारी के मुताबिक रेल मंत्रलय ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण से करार किया है। प्राधिकरण एम-आधार मोबाइल एप को टीटीई को मिलने वाली हैंड हेल्ड मशीन व चेकिंग टीम के मोबाइल फोन पर सुविधा उपलब्ध कराएगा। सफर के दौरान यात्री टीटीई व चेकिंग दल को टिकट दिखाने के साथ आधार नंबर बताएगा और हैंड हेल्ड व मोबाइल स्क्रीन पर अंगूठा लगाएगा। इसके बाद यात्री को सफर की अनुमति मिल जाएगी। रेलवे अगले चरण में मतदाता पहचान पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट आदि को आनलाइन जोड़ने पर विचार कर रहा है। फ़िलहाल रेलवे ने राजधानी व शताब्दी एक्सप्रेस में मशीन उपलब्ध करानी शुरू कर दी है।