मुरादाबाद। केंद्र सरकार की सहमति के बाद अब यूपी के आठ शहरों में क्षेत्रीय एयरपोर्ट बनाए जाने का रास्ता साफ हो गया है। मुरादाबाद में भी अब मुण्डापाण्डेय हवाई पट्टी की जगह एयरपोर्ट बन जाएगा। जिसकी वजह से यहां पीतल उद्योग को पंख लगने की उम्मीद जग गई है। निर्यातकों के मुताबिक अभी तक मुरादाबाद में सिर्फ हवाई पट्टी ही थी, जिस पर सिर्फ सरकारी प्लेन ही उतर सकते थे लेकिन अब एयरपोर्ट बनने के बाद विदेशी खरीददार शहर आ सकते हैं।
व्यापारी और लोगों में खुशी
बता दें कि इससे पहले यहां के व्यापारियों को दिल्ली या नोएडा की ओर रुख करना पड़ता था। वहीं कुछ व्यापारी इस क्षेत्र में पर्यटन में इजाफे की बात भी कर रहे हैं। क्योंकि जनपद की सीमा उत्तराखंड के नैनीताल व जिम्कार्बेत महज 100 से 150 किलो मीटर दूर ही है। शहर को मायूसी तब हुई थी जब दो साल पहले हवाई पट्टी के विस्तार से केंद्र सरकार ने हाथ खींच लिए थे लेकिन मोदी सरकार के बदले रुख से एक बार शहरवासियों की उम्मीदें जाग गई है। कई साल के लंबे इंतजार के बाद अब इसे हवाई अड्डे के रूप में विकसित करने की मंजूरी केंद्र सरकार से मिल गई है।
जमीनों के भी रेट बढ़े
हवाई अड्डा बनने का एक पहलु ये भी है कि यहां के किसानों के मुताबिक अब इस इलाके में जमीनों के दाम बहुत बढ़ गए हैं और लोग अपनी जमीनों को अधिक से अधिक रेट में बेचने की रणनीति बना रहे हैं। एयरपोर्ट के लिए किसानों की जमीन का अधिग्रहण होना है। आसपास के किसानों को इस बात की खुशी है की अब उनकी जमीन ऊंचें दामों में बिकेगी। इलाके में जमीनों का काम करने वाले लोग भी अब सक्रीय हो गए हैं।
जमीन अधिग्रहण का काम फिर शुरू होगा
दरअसल व्यापारिक दृष्टि से मुरादाबाद में पीतल दस्तकारी का काम देश दुनिया में प्रसिद्ध है लेकिन चूंकि अब एयरपोर्ट बन जाने से सिर्फ व्यापर ही बढ़ने की उम्मीद नहीं है बल्कि यहां कई और तरीकों से भी कारोबार बढ़ेंगे। वहीं सरकार के इशारों के बाद अधिकारी भी तैयारियों में जुट गए हैं, क्योंकि पहले जो जमीन अधिग्रहण करनी थी। उसे बीच में ही छोड़ दिया गया था लेकिन अब दोबारा से प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी। अधिकारियों की मानें तो दिल्ली महज 150 किलोमीटर ही दूर है लेकिन हाइवे पर वाहनों का बढ़ता दबाब कभी कभार मुश्किल पैदा कर देता है।