महानगर में बीते डेढ़ साल के अंदर पब्लिक स्कूलों की बाढ़ सी आ गई। हर गली कूचों में स्कूल खुल गए। लोगों ने किराए पर रहने के लिए घर लिया और वहां प्ले स्कूल खोल लिए। यही प्ले स्कूल पहले कक्षा दो तक फिर कक्षा पांच तक हो गए। इन स्कूलों ने मान्यता लेने की नहीं सोची। मंडी चौक, करूला, बंगलागांव, हरथला, लाइनपार, लाजपतनगर, गांधीनगर, नवाबपुरा, मुगलपुरा क्षेत्र में ऐसे स्कूलों की संख्या 250 के करीब निकली। ये संख्या बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के सर्वे में सामने आए थे। आंकड़े चौकाने वाले थे, लेकिन सच थे। यह रिपोर्ट कमिश्नर को भेजी गई। उस समय तक किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये सर्वे स्कूल बंद कराने के लिए हुआ है। मंडल में 687 स्कूल चिह्न्ति हुए थे। इसमें ढाई सौ मुरादाबाद में ही थे।