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दो दिन में बंद हो जाएंगे 100 अमान्य स्कूल

कमिश्नर के निर्देश के बाद सामने आए ढाई सौ अमान्य स्कूलों में डेढ़ सौ तो बंद हो चुके है, लेकिन अभी भी सौ बंद कराने का लक्ष्य है। 

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Astha Awasthi

Jul 30, 2015

school children on hunger strike2

school children on hunger strike2

मुरादाबाद। जिले में गली कूचों में खुले अमान्य स्कूलों को बंद कराने में सुस्ती हावी है। निवर्तमान कमिश्नर के निर्देश के बाद सामने आए ढाई सौ अमान्य स्कूलों में डेढ़ सौ तो बंद हो चुके है, लेकिन अभी भी सौ बंद कराने का लक्ष्य है। इसके लिए 31 जुलाई तक समय सीमा का निर्धारण तत्कालीन कमिश्नर ने न केवल किया था बल्कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों का वेतन भी रोक दिया। वेतन तभी निर्गत होगा जब इस आशय का प्रमाण पत्र ये देंगे कि हमारे यहां सभी अमान्य स्कूल बंद हो चुके हैं।

महानगर में बीते डेढ़ साल के अंदर पब्लिक स्कूलों की बाढ़ सी आ गई। हर गली कूचों में स्कूल खुल गए। लोगों ने किराए पर रहने के लिए घर लिया और वहां प्ले स्कूल खोल लिए। यही प्ले स्कूल पहले कक्षा दो तक फिर कक्षा पांच तक हो गए। इन स्कूलों ने मान्यता लेने की नहीं सोची। मंडी चौक, करूला, बंगलागांव, हरथला, लाइनपार, लाजपतनगर, गांधीनगर, नवाबपुरा, मुगलपुरा क्षेत्र में ऐसे स्कूलों की संख्या 250 के करीब निकली। ये संख्या बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित स्कूलों के प्रधानाध्यापकों के सर्वे में सामने आए थे। आंकड़े चौकाने वाले थे, लेकिन सच थे। यह रिपोर्ट कमिश्नर को भेजी गई। उस समय तक किसी ने भी नहीं सोचा था कि ये सर्वे स्कूल बंद कराने के लिए हुआ है। मंडल में 687 स्कूल चिह्न्ति हुए थे। इसमें ढाई सौ मुरादाबाद में ही थे।

कई बार पत्र लिखने के बाद भी अफसर सक्रिय नहीं हुए तो एक पखवारा पहले कमिश्नर ने बीएसए सहित सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के वेतन आहरण पर रोक लगाते हुए 31 जुलाई तक की समय सीमा निर्धारण कर दी। इसके बाद डेढ़ सौ स्कूल तो बंद करा दिए गए लेकिन अभी भी सौ स्कूलों का लक्ष्य है।

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