
रामपुर. यहां सपा नेता आज़म खान की भैंसे जब उनके तबेले से चोरी हो गई थी तो पूरे देश में ये खबर छपी थी। लेकिन इसी शहर में अब एक और तबेला सुर्खियां बटोर रहा है। दरअसल, यहां पर सरकारी प्राइमरी स्कूल को भैंस का तबेला बना दिया गया है। ये सब तब हो रहा है, जब योगी और मोदी की सरकार के अफसरान और नेता-मंत्री सब के सब सफाई वयवस्था को दुरुस्त करने के लिए कसमे खा रहे हैं। लाखों करोड़ों का बजट बनाकर साफ सफाईं के नाम पर खर्च किया जा रहा है। इसके बाबजूद स्थति बद से बत्तर है।
जिला मुख्यालय से महज 30 किलोमीटर दूर दिल्ली-लखनऊ हाई-वे नम्बर 24 किनारे ज़िले की तहसील मिलक है। यहां पर बेसिक स्कूल बना हुआ है, सुबह से दोपहर तक यह स्कूल की शक्ल में रहता है। लेकिन जैसे ही स्कूल टाइम खत्म होता है। यह स्कूल भैंस का तबेला बन जाता है। स्थानीय लोग अपने जानवरों को अपने तबेले में न बांधकर उन्हें स्कूल की दीवार से बांध देते हैं। जहां पर देर शाम तक यह भैंसे और उनके बच्चे यहां रस्सी से बंधे रहते हैं, लेकिन अफ़सोस की ना तो खुद भैंस मालिक को यह जानकारी है कि यह स्कूल एक मंदिर के समान है और न ही वहां के शिक्षक, नगरपालिका, एसडीम, एडीएम, डीएम और भारतीय जनता पार्टी ज़िला अध्य्क्ष क्योकि जिस जगह पर यह स्कूल है, वहां से हफ्ते भर के भीतर कई कई चक्कर इन अफसरान और भाजपा जिला अध्यक्ष के लगते हैं। बाबजूद यह सब नज़र अंदाज़ करतें हैं। अगर ऐसा नहीं होता तो शायद ही किसी की मजाल है कि स्कूल परिसर में जानवर बांधकर स्कूल को तबेला बना पाता।
स्कूल में तबेले की खबर पर जब पत्रिका संवाददाता ने बेसिक शिक्षा अधिकारी सर्वदानंद से बात की तो उन्होंने कहा, किसी ने इस बात को लेकर अवगत नहीं करवाया है। आपकी पत्रिका पड़ताल से मुझे पता लगा है। अब में तुरंत इस जानकारी को संज्ञान में लेकर जांच कराकर आरोपी भैंस मालिक के खिलाफ एक्शन लूंगा। स्कूल परिसर के केवल और केवल पठन-पाठन के काम ही किए जा सकेंगे। इसके अलावा कोई भी अलग कुछ करता है या करता पाया जाएगा तो उसके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
भाजपा जिला अध्य्क्ष सुरेश गंगवार ने पत्रिका की पड़ताल पर वीडियो फुटेज देखकर तुरंत एक्शन लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि अब के बाद स्कूल परिसर में आसपास भी कोई पालतू जानवर नही बांधेगा। इसके लिए में अभी से वहां जाकर जानवर मालिक को समझता हूं। नही समझने पर उसके खिलाफ मुकद्दमा लिखाकर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। ज़िले में अभी भी दर्जनों स्कूलों में पालतू जानवर स्कूल बंद होते ही गाँव के लोग वहां बांधना शुरू कर देते हैं लेकिन वहां के पढ़े लिए लोग भी इस हरकत के लिए उतना जुम्मेदार हैं जितने अफसरान, उनकी भी व्यक्तिगत जुम्मेदारी है कि वह प्रशासन को अबगत भी कराएं स्कूल केम्पस में पठन पाठन के अलावा कोई और क्रयाएँ करता है उसे मना करें नही करने पर उनकी शिकायत करें।
Published on:
04 Apr 2018 05:25 pm
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