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अखिलेेश को मिली साइकिल तो सपा में शुरू हुई बगावत 

संभल से पूर्व सांसद ने कैबिनेट मंत्री के खिलाफ मोर्चा 

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sharad asthana

Jan 17, 2017

akhilesh yadav

akhilesh yadav

मुरादाबाद/संभल। सोमवार को समाजवादी पार्टी में उस कलह का अंत हो गया, जो अंतहीन नजर आ रही थी। चुनाव आयोग ने अखिलेश यादव को साइकिल चुनाव चिन्ह दे दिया, जिसके बाद मुलायम समर्थक मायूस हुए हैं। यहांं तक तो ठीक था कि ये परिवार के बीच का मामला है, लेकिन अब इसकी आंच पार्टी में फूट और कलह को उजागर कर गई है। इसकी शुरुआत संभल से पूर्व सांसद डॉ. शफीकुर्रहमान बर्क ने की है। उन्होंने संभल में कैबिनेट मंत्री नवाब इकबाल महमूद के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अपने पोते जिया उर रहमान को उतारने का एेेलान किया है। उन्होंने कहा की इलाके की जनता मंत्री से त्रस्त थी और उन्हें हटाने के लिए लोग जिया उर रहमान को लाना चाहते हैं। फ़िलहाल इस पर कोई सपाई अभी मुंह नहीं खोल रहा है।

दरअसल, संभल में इकबाल महमूद और डॉ. बर्क के बीच मनमुटाव जगजाहिर है। बीते लोकसभा चुनाव में भी दोनों के बीच टकराव हुआ था, जिस कारण सपा को हार का मुहं देखना पड़ा था। वहींं. डॉ. बर्क के विरोध को थामने के लिए मुलायम सिंह ने उनके पोते जिया उर रहमान बर्क को बिलारी से टिकट दिया था, लेकिन अखिलेश के विद्रोह और फिर अब बदले हालात ने उनकी उम्मीदों को तोड़ दिया। इसके बाद वे अब सीधे मंत्री इकबाल महमूद के विरोध में उतर आए हैं। अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत में डॉ. बर्क ने कहा क‍ि संभल से जिया उर रहमान ही चुनाव लड़ेंगे चाहे निर्दलीय लड़ना पड़े।

डॉ. बर्क ने तमाम आरोप भी इक़बाल महमूद पर लगाए और कहा क‍ि जनता को उनके जुल्म से निजात दिलाने के लिए ये फैसला लिया गया है। बहरहाल अभी सपा में सिम्बल की लड़ाई सुलटे हुए बीस घंटे भी नहीं बीते हैं, उस पर नेताओं की निजी लड़ाई सामने आने पर कहीं न कहीं सपा के लिए मुश्किल होने वाली हैंं। इसका कोई समाधान भी निकल पाएगा, ये कह पाना थोडा मुश्किल है। अब देखना होगा बदली परिस्थितियों में सपा कैसे तालमेल बैठाती है।

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