
घर में शौचालय तो है लेकिन किस काम के लिए होता है इस्तेमाल, जानकर रह जाएंगे हैरान
रामपुर। देश के प्रधानमंत्री से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत उनके मंत्री और अफसर दिन रात स्वच्छ भारत बनाने और देश को खुले में शौच मुक्त करने के लिए जो जतन कर हैं। लोगों को घर में शौचालय बनवाने और उसका इस्तेमाल करने के लिए जागरुक कर रहे हैं। लेकिन सूबे के रामपुर जिले में उनकी ये कोशिश दम तोड़ नजर आ रही है। क्योंकि रामपुर के एक गांव में शौचालय तो बन गया है लेकिन उसका इस्तेमाल उपले और लकड़ी रखने में होता है।
दरअसल रामपुर में दो साल पहले स्वच्छ भारत अभियान के तहत बना शौचालय की स्थिती बदहाल है। दरबाजे खराब होने और सीट टूट जाने के बाद अब लोगों ने उसे ईंधन रखने के लिए यूज़ करना शुरू कर दिया है। कुछ लोगों ने तो शौचालय के बाहर भैंसे बांधना शुरू कर दिया है। ज़िले की किसी भी विधानसभा का कोई ऐसा गाव नहीं है जिसमे 80 फीसदी टॉयलेट ईंधन रखने के लिए यूज़ होतें हैं ना कि उसके सदुपयोग के लिए। इस बात की जानकारी ब्लाक से लेकर विकास भवन में बैठे मुख्य विकास अधिकारी परियोजना अधिकारी के अलावा एसडीएम, एडीएम, डीएम को भी है बाबजूद गांव वालों को समझाने के बजाय स्थिती जस की तस बनी हुई है। अब इसे सरकारी मातहतों की उदासीनता कहे या फिर जनता में जागरूकता की कमी, बरहाल जिम्मेदारी अफसरों की है कि जो कार्य सरकारों ने विकास के लिए जमीनी स्तर पर करवाएं हैं उनकी गुणवक्ता बनाए रखे। लेकिन शायद इसे ना स्थानीय प्रशासन ने जरूरी समझा ओर ना ही उत्तर प्रदेश शासन के किसी मंत्री ने। जिनकी लापरवाही से रामपुर में शौचालय दो साल में बर्बाद हो गए।
आपको बता दें कि रामपुर ज़िले में पांच विधानसभा है, 6 ब्लाक हैं और 580 ग्राम पंचायतें हैं। नगरपालिका इलाके को अगर हटा दें तो बाकी ग्रामीढ़ इलाक़ों में जो शौचालय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ भारत मिशन के तहत जो शौचालय बनाये गये हैं उनकी स्थति देख हर कोई यह समझ जाएगा कि यहां पर सरकारी धन का दुरुपयोग हुआ है। तभी तो महेज़ दो साल के भीतर ज्यादातर शौचालय खराब हो गए। किसी का दरवाजा टूट गया तो किसी टॉयलेट की सीट उखड़ गई प्लास्टर की तो बात ही छोड़िए। सवाल यह कि आखिर मोदी जी और योगी जी का स्वच्छ भारत आभियान और खुले में शौच मुक्त का का सपना कैसे पूरा होगा।
Published on:
08 Jun 2018 03:50 pm
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