
UP Rains: पूस की रातों का कहर | AI Generated Image
UP Rains Alert:मुरादाबाद मंडल समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ठंड ने अपना सबसे कड़ा रूप दिखाना शुरू कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार 29 दिसंबर की रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात साबित हो सकती है। न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेल्सियस तक गिरने का अनुमान है, जबकि दिन का तापमान भी सामान्य से नीचे खिसककर 14 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। ठंड के इस बढ़ते असर से लोगों की दिनचर्या प्रभावित होने लगी है।
मौसम विभाग के सात दिन के पूर्वानुमान के अनुसार एक जनवरी को नए साल की शुरुआत बारिश के साथ होने की संभावना है। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से बादल छाए रहेंगे और बीच-बीच में हल्की बारिश (UP Rains) देखने को मिल सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि तीन जनवरी तक ठंड, बादल और कोहरे का सिलसिला लगातार बना रह सकता है।
रविवार को मुरादाबाद में अधिकतम तापमान 16.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.6 डिग्री कम रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 9.5 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। आने वाले दिनों में अधिकतम तापमान 14 से 15 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच सीमित रहने का अनुमान है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है।
सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने से दृश्यता बेहद कम हो सकती है। इसका सीधा असर सड़क और रेल यातायात पर पड़ने की संभावना है। ठंडे दिन और कोहरे की वजह से स्कूली बच्चों, बुजुर्गों और दफ्तर जाने वाले लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार तापमान में लगातार गिरावट के पीछे कई प्राकृतिक कारण सक्रिय हैं। उत्तर-पश्चिमी ठंडी हवाएं पहाड़ी क्षेत्रों से मैदानी इलाकों की ओर बह रही हैं, जिससे वातावरण तेजी से ठंडा हो रहा है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ की मौजूदगी से नमी बढ़ रही है, जिससे बादल और कोहरा बन रहा है।
हवाओं की रफ्तार धीमी होने के कारण ठंड और कोहरा लंबे समय तक बने रह रहे हैं। रात के समय धरती से निकलने वाली ऊष्मा कम हो रही है, जिससे सुबह के वक्त घना कोहरा छा जाता है। यही वजह है कि दिन निकलने के बाद भी ठंड का असर कम नहीं हो पा रहा है।
पंतनगर विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त मौसम वैज्ञानिक डॉ. आरके सिंह के अनुसार घना कोहरा और ठंड गेहूं, जौ और सरसों जैसी फसलों के लिए लाभकारी साबित हो सकती है, क्योंकि इससे मिट्टी में नमी बनी रहती है। हालांकि आलू, सब्जियों और फूलों की खेती करने वाले किसानों को पाले का खतरा सताने लगा है। तापमान और गिरने पर फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
Published on:
29 Dec 2025 03:22 pm
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