मुरैना. जिला अस्पताल में निर्माण के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन मरीजों से संबंधित मूलभूत सुविधाओं पर अस्पताल प्रबंधन का ध्यान नहीं हैं। वार्डों में पलंगों पर फटे गद्दे, उन पर भी बेडसीट नहीं हैं। मरीजों का कहना हैं कि रेगजीन के गद्दों से गर्मी लगती है, आए तो इसलिए थे कि अस्पताल में राहत मिलेगी लेकिन यहां तो अव्यवस्थाओं के चलते और परेशानी बढ़ रही है।
जिला अस्पताल के सर्जीकल वार्ड में वर्तमान में करीब आधा दर्जन वार्डों में ८० के करीब मरीज भर्ती हैं। लेकिन अधिकांश वार्ड में पलंगों पर बेडसीट नहीं हैं। नियमानुसार मरीज भर्ती होता है उसी समय बेडसीट दी जाती है लेकिन यहां भर्ती मरीजों द्वारा नर्सिंग स्टाफ से बार-बार मांगने के बाद भी बेडसीट नहीं दी जा रही है। यही स्थिति मेल मेडिकल वार्डों की है। यहां चार वार्डों में १०० से अधिक मरीज भर्ती हैं, यहां भी अधिकांश पलंगों पर बेडसीट नहीं हैं। यही स्थिति फीमेल मेडिकल वार्ड में हैं, यहां महिला मरीजों ने बताया कि मांगने के बाद भी नर्सिंग स्टाफ बेडसीट नहीं दे रहा। कुछ मरीजों ने मजबूरन अपने घर से बेडसीट मंगवाई है। कुछ समय पहले जिले के प्रशासनिक अधिकारी समय समय पर जिला अस्पताल का निरीक्षण करते रहते थे जिससे व्यवस्थाओं में कसावट आती थी लेकिन वर्तमान प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है, इसलिए मरीजों की फजीहत हो रही है।
निरीक्षण के समय पलंगों पर दिखाई देती हैं नई बेडसीट
जिला अस्पताल में जब भी कोई टीम भोपाल या ग्वालियर से निरीक्षण करने आती है, उस समय अस्पताल में प्रत्येक पलंग पर नई बेडसीट के अलावा, नई डस्टबिन दिखाई देती हैं लेकिन बाद में व्यवस्थाएं पुराने ढर्रे पर आ जाती है।
ये है मरीजों की पीड़ा
मैं पिछले एक महीने से वार्ड में भर्ती हूं, एक दिन बेडसीट मिली है, उसके बाद नहीं दी गई। कई बार नर्सिंग स्टाफ से कहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती।
राकेश, सर्जीकल वार्ड
एक दिन पहले मैंने अपने रिश्तेदार को भर्ती कराया है। मांगने के बाद भी नर्सिंग स्टाफ ने बेडसीट नहीं दी तो हमने घर से मंगवाई हैं। वार्ड में सुबह से कोई सफाई करने भी नहीं आया।
राघवेन्द्र तोमर, मेल मेडिकल वार्ड
मैं दो दिन से भर्ती हूं, हमको तो क्या पूरे वार्ड में किसी भी मरीज के पलंग पर बेडसीट नहीं हैं। यहां कोई सुनवाई नहीं होती है।
बसंती, फीमेल मेडिकल वार्ड
बेडसीट की किसी भी वार्ड से कोई डिमांड नहीं हैं, अगर कमी होती तो डिमांड आती। नर्सिंग स्टाफ ने अगर बेडसीट नहीं हैं तो हम चेक करवा लेते हैं, मरीज को बेडसीट उपलब्ध करवाई जाएगी।
डॉ. डी एस यादव, आर एम ओ, जिला अस्पताल
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