इन दिनों जिले भर में लॉक डाउन चल रहा है और चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात हैं, उसके बाद भी चंबल पुल राजघाट से हाइवे होते हुए रेत से भरे टै्रक्टर-ट्रॉली शहर में आ रहे हैं, लेकिन इनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। भानपुर गांव के पास सोमवार की शाम रेत से भरे टै्रक्टर-ट्रॉली से कुचलकर बच्ची की मौत यह पुष्टि कर रही है कि चंबल नदी से अवैध रेत खनन अभी भी जारी है। इससे बड़ा उदाहरण कोई हो ही नहीं सकता, लेकिन वन विभाग निरंतर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। टॉस्क फोर्स की बैठक में वन विभाग को ड्रोन व अन्य कैमरों से निगरानी व वीडियोग्राफी कराने के दावे हवाई साबित हुए। वन विभाग के पास ड्रोन व पुलिस विभाग के पास अन्य कैमरे हैं, लेकिन किसी ने भी प्रयास नहीं किया कि इन कैमरों से निगरानी की जाए।
वन विभाग ले सकता था पुलिस की मदद इन दिनों चारों तरफ पुलिस के पॉइंट लगे हुए हैं। इन दिनों वन विभाग के लिए अच्छा मौका था, क्योंकि पूरे जिले में लॉक डाउन है। पुलिस की मदद लेकर रेत परिवहन कर रहे वाहनों को आसानी से पकड़ा जा सकता था, लेकिन वन विभाग ने इस दिशा में कोई पहल तक नहीं की है।
बड़ोखर चौराहे पर लग रही रेत मंडी धारा 144 लगी होने और पुलिस व प्रशासनिक सख्ती के बाद भी बड़ोखर चौराहे पर रेत की मंडी लग रही है। मंगलवार की सुबह आठ बजे तक आधा दर्जन से अधिक रेत से भरे टै्रक्टर-ट्रॉली सडक़ पर खड़े रहे। ग्राहक आते गए और उनका सौदा होता गया। रेत कारोबारी बड़े दुस्साहसी व निडर हैं कि शहर में चारों तरफ जबरदस्त चेङ्क्षकग के बाद भी हाइवे से निकलकर शहर तक आ रहे हैं और चौराहे पर खड़े होकर खुलेआम विक्रय भी कर रहे हैं।