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स्कूलों की ऑडिट के नाम पर खुलेआम वसूली, देखें वीडियो

- मॉडल स्कूल में हो रही थी सरकारी स्कूलों की ऑडिट- डीइओ ने जांच समिति बनाकर मामला किया रफेदफे

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स्कूलों की ऑडिट के नाम पर खुलेआम वसूली, देखें वीडियो

स्कूलों की ऑडिट के नाम पर खुलेआम वसूली, देखें वीडियो

मुरैना. जिले के शासकीय हाईस्कूल व हायरसेंकेडरी स्कूलों की ऑडिट इंदौर की जैन एंड कंपनी के चार्टेड एकाउटेंट द्वारा की गई। कंपनी से आए चार्टेड एकाउटेंट द्वारा शासकीय मॉडल हायर सेकेडरी स्कूल मुरैना में सरकारी स्कूलों की ऑडिट की गई। यहां संस्था प्रभारियों से एक हाइस्कूल के प्रभारी द्वारा खुलेआम पैसों की वसूली की गई। उस अवैध वसूली को मौके पर पहुंचे पत्रिका प्रतिनिधि ने अपने कैमरे में कैद कर लिया। उसके बाद स्कूल परिसर में हडकंप मच गया और जो शिक्षक वसूली कर रहा था, वह अपनी कुर्सी छोडकऱ खड़ा हो गया और मामले को वहीं पर रफे दफे करने की बात करने लगा।
यहां बता दें कि जिले के 182 शासकीय हाइस्कूल व हायरसेकेंडरी स्कूलों में से करीब 50 की ऑडिट पिछली साल हो चुकी है, अन्य स्कूलों की ऑडिट इस बार की गई। मॉडल स्कूल के एक कक्ष में शासकीय हाइस्कूल के प्रभारी हरेन्द्र तोमर द्वारा प्रत्येक संस्था प्रभारी से दो दो हजार रुपए लेकर टोकन दिया जा रहा था, उस टोकन को दूसरे कक्ष में बैठे चार्टेड एकाउटेंट को देने पर ऑडिट रिर्पार्ट ओके की जा रही थी।
समिति बनाई, चंद घंटों में निपटाई जांच
कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए सहायक संचालक सुधीर सक्सैना व मॉडल स्कूल के प्राचार्य श्याम सिंह तोमर की समिति बनाई और आनन फानन में उनको अपने चेंबर में बुलाकर अपनी आंखों के सामने जांच के नाम पर उनके हस्ताक्षर लिए और डीइओ ने मन गढंत रिपोर्ट तैयार कर कुटरावली संस्था के प्राचार्य से बयान लिए, उन्होंने कह दिया कि हरेन्द्र तोमर के उधारी के पैसे थे, उनको देने आए थे। सवाल यह उठता है कि उधारी के पैसे मॉडल स्कूल में जहां ऑडिट हो रही थी, वहीं पर क्यों दिए, कहीं और क्यों नहीं और कुटरावली संस्था प्रभारी ने उधार पैसे लिए तो हरेन्द्र तोमर से ही क्यों, किसी अन्य से क्यों नहीं लिए।
कितने संस्था प्रभारियों ने लिए थे हरेन्द तोमर से उधार रुपए
जिला शिक्षा अधिकारी ने कुटरावली संस्था प्रभारी को बुलाकर तो बयान ले लिए कि उधारी के पैसे वापस करने आए थे लेकिन क्या 80 से अधिक संस्था प्रभारियों ने भी हरेन्द्र तोमर से उधार पैसे दिए थे। जो दो दो हजार रुपए ऑडिट के समय हरेन्द्र तोमर को देकर गए हैं। कुछ प्राचार्यों की पत्रिका के पास रिकॉर्डिंग है जिसमें वह कह रहे हैं कि हरेन्द्र तोमर ने हर संस्था प्रभारी से दो दो हजार रुपए ऑडिट के नाम पर लिए हैं।
कथन
- ऑडिट के नाम पर पैसे लेने के मामले के लिए दो सदस्यीय समिति बनाकर जांच करा ली है। रिपोर्ट कलेक्टर को भेज दी है।
ए के पाठक, जिला शिक्षा अधिकारी, मुरैना

समिति बनाई, चंद घंटों में निपटाई जांच
कलेक्टर के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए सहायक संचालक सुधीर सक्सैना व मॉडल स्कूल के प्राचार्य श्याम सिंह तोमर की समिति बनाई और आनन फानन में उनको अपने चेंबर में बुलाकर अपनी आंखों के सामने जांच के नाम पर उनके हस्ताक्षर लिए और डीइओ ने मन गढंत रिपोर्ट तैयार कर कुटरावली संस्था के प्राचार्य से बयान लिए, उन्होंने कह दिया कि हरेन्द्र तोमर के उधारी के पैसे थे, उनको देने आए थे। सवाल यह उठता है कि उधारी के पैसे मॉडल स्कूल में जहां ऑडिट हो रही थी, वहीं पर क्यों दिए, कहीं और क्यों नहीं और कुटरावली संस्था प्रभारी ने उधार पैसे लिए तो हरेन्द्र तोमर से ही क्यों, किसी अन्य से क्यों नहीं लिए।