
मुरैना. पिछले कुछ दिनों से मोबाइल व आधार बंद होने व उसको आगे जारी रखने का झांसा देकर ठग गिरोह के लोग सक्रिय हो गए हैं। इसमें ये लोग पहले मोबाइल पर लिंक भेजते हैं और फिर ओटीपी मांगकर एकाउंट से पैसा निकाल लेते हैं। ऐसे मुरैना में आए दिन केस हो रहे हैं। तमाम एफआइआर भी हो चुकी हैं लेकिन इनको पकड़ा नहीं गया है। इस तरह के मामलों में सावधानी ही बचाव है। इसलिए लोगों को ठगी से बचने के लिए जागरुक होना होगा।
इस ठगी में ज्यादातर बाहरी प्रांत के कई गिरोह शामिल हैं। ये सुबह से शाम तक सैकड़ों लोगों को फोन करते हैं, उनमें से कुछ इनके जाल में फंस जाते हैं। फोन लगाते हुए बोलते हैं आपकी यह सिम या फिर आधार कार्ड लिंक नहीं किया गया इसलिए जल्दी से करा लें अन्यथा ये कभी भी बंद हो सकते हैं। ऐसा करने पर लोग झांसे में आ जाते हैं फिर कहते हैं कि मेरे मोबाइल में बैलेंस नहीं हैं, मैं आपको लिंक भेज रहा हूं, इसमें दस रुपए का बैलेंस भेज देना और उसके बाद ओटीपी आएगी, उसे बता देना। ओटीपी जैसे ही बताई उसके बाद गिरोह के लोग सक्रिय हो जाते हैं। कोई खरीदारी करता है तो कोई कैश निकालकर खाते को खाली कर तरह हाइजेक कर लेते हैं। दिया जाता है जिससे वह मेसेज पर देते हैं। इतने शातिर हैं कि जिसके खाताधारक के पास मेसेज संबंधित ध्यान नहीं दे पाता है और तब तक खाते से पैसा निकालते हैं, को पूरी बैंककान आकर अन्यबैंक का भेज वह पूरा पैसा निकाल चुके हैं।
ठगी के ताजे बड़े मामले
09 दिसंबर 2021 को स्टेशन रोड थाना आरोपी ने 9 दिसंबर को फरियादी के पुलिस ने फरियादी राजीव कुमार छारी क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी कर 30502 निवासी सड़का का पुरा अंबाह रोड रुपए निकाल लिए। पुलिस ने आवेदन मुरैना की रिपोर्ट पर अज्ञात आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज 29 दिसंबर 2021 को शिक्षक किया है। पुलिस के अनुसार अज्ञात रामअवतार सिकरवार के मोबाइल पर लिंक आई और लड़के को झांसा देकर ओटीपी नंबर ले लिया। ठग गिरोह ने 0174 लाख रुपए कैश निकाल लिए और अन्य क्रेडिट कार्ड से खरीदारी कर डाली। कुल तीन लाख से अधिक की ठगी शिक्षक के साथ हो चुकी है। जो खरीदारी की है, वह शिक्षक को भरना पड़ रहा है। 22 जनवरी 2022 को प्रदीप मित्तल के मोबाइल पर अज्ञात व्यक्ति ने लिंक भेजी। उस लिंक को खोलते ही ओटीपी की डिमांड की गई। उसके बाद अज्ञात ठग ने उनके एसबीआइ के क्रेडिट कार्ड से 35543 और आइसीआई के क्रेडिट कार्ड से 45898 व 45898 दो बार में निकाल लिए कुल 1.27 लाख रुपए निकाले जा चुके हैं।
सिर्फ एफआइआर तक सिमटी पुलिस कार्रवाई
ठगी के मामलों में पुलिस कार्रवाई सिर्फ एफआइआर तक सिमट कर रह गई है। पुलिस की साइवर शाखा भी इस दिशा में प्रोपर कार्य नहीं कर पा रही है। बताया जाता है कि ठग गिरोह अन्य प्रांतों के होने के कारण उन तक पहुंच पाना संभव नहीं हो पा रहा है | कुछ ठग तो क्रेडिट कार्ड से बिल बगैरह भर चुके हैं, इस क्लू से उनको जल्द पकड़ा जा सकता है लेकिन कार्रवाई सुस्त है। सीएसपी, मुरैना अतुल सिंह ने बताया कि बैंक फ्रॉड के मामलों को अंजाम देने वाले बदमाश बहुत शातिर हैं। आइडी व खाते को हैक कर लेते हैं। कुछ मामलों में बदमाशों के क््लू मिले हैं, उन साइवर स्टाफ काम कर रहा है।
Published on:
30 Jan 2022 03:31 pm
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