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मुरैना का बहुचर्चित मामला: पंचायती धर्मशाला की छह दुकानों के स्थानांतरण में फर्जीवाड़ा

एसडीएम कार्यालय व टाइप दुकानदार ने तैयार कराए कागज, दुकानों के स्थानांतरण में जिम्मेदारों व पूर्व दुकानदार के बीच बड़े लेनदेन की चर्चा, जांच शुरू

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मुरैना. शहर के सराफा बाजार में स्थित पंचायती धर्मशाला व बिहारी मंदिर ट्रस्ट की आधा दर्जन दुकानों के स्थानांतरण के फर्जीवाड़े का मामला इन दिनों शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है। मामले को लेकर कलेक्टर के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है। एसडीएम कार्यालय के दो कर्मचारी व एक पटवारी मामले की जांच कर रहे हैं।

श्री बांके बिहारी मंदिर से शहर के लोगों की बड़ी आस्था है। उससे जुड़ी पंचायती धर्मशाला से शहर के तमाम लोग जुड़े हैं। मंदिर व धर्मशाला के संचालन के लिए पहले मंदिर का ट्रस्ट था, जिसके पदाधिकारी व्यवसायी थे। पिछले दो दशक से मंदिर ट्रस्ट के चुनाव नहीं हुए हैं, इसका प्रशासक कलेक्टर है। कलेक्टर ने मंदिर व धर्मशाला के संचालन के लिए एसडीएम को प्रभारी बनाया गया है। अभी हाल ही में पंचायती धर्मशाला की छह दुकानें जिन व्यापारियों के नाम थी, उन्होंने किसी और को बेच दी हैं, एसडीएम कार्यालय से नियम विरुद्ध इन दुकानों को दूसरे मालिक के नाम ट्रांसफर भी कर दिया है। इसमें बड़ा लेनदेन होने की चर्चा है। नियमानुसार दुकान जिसके नाम है, अगर वह छोड़ता है तो उसकी नीलामी होना चाहिए, उसकी विधिवत कागजी प्रक्रिया पूरी होना चाहिए लेकिन एसडीएम कार्यालय से गोपनीय ढंग से दुकानों को दूसरों के नाम स्थानांतरण कर दिया है। इस पूरे मामले में पुरानी कलेक्ट्रेट के बाहर स्थित एक टाइप वाले की भूमिका संदिग्ध है, दुकान स्थानांतरण के कूटरचित दस्तावेज तैयार किए गए।

मंदिर व पंचायती धर्मशाला से जुड़ी 500 दुकान

श्री बिहारी मंदिर व पंचायती धर्मशाला की करीब 500 दुकान हैं। जो लंबे समय से सराफा सहित अन्य व्यापारियों पर किराए पर हैं। उनके बेचने का अधिकार किसी को नहीं हैं, अगर दुकानदार काम नहीं करना चाहता है तो उसकी नए सिरे से नीलामी कराई जा सकती है, प्रशासक चाहे तो उसका कोई और नियमानुसार ऑप्सन निकाल सकता है लेकिन गुपचुप तरीके से किसी और सौदा नहीं किया जा सकता। इस पूरे मामले में एसडीएम की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। खबर है दुकानों के स्थानांतरण में बड़ा लेनदेन हुआ है।

जिस कार्यालय की भूमिका संदिग्ध, वहीं के कर्मचारी कर रहे जांच

पंचायती धर्मशाला की दुकानों को दूसरे व्यापारियों को स्थानांतरण करने के मामले में जिस कार्यालय की भूमिका संदिग्ध है, उसी कार्यालय के कर्मचारी मामले की जांच कर रहे हैं। शिकायत यह भी थी कि मंदिर की आय पिछले लंबे समय से शून्य चल रही है, इसके चलते कर्मचारियों द्वारा धर्मशाला के कार्यालय में बैठकर व्हाउचर चेक किए जा रहे हैं और जो आय व्यय हुए हैं, उनके बिल व्हाउचरों को मिलान किया जा रहा है। एसडीएम कार्यालय के एक बाबू की इस पूरे फर्जीवाड़े में लिप्त होने की शिकायत है, उसको भी जांच में शामिल किया गया है।

मामले की करवा रहे हैं जांच

बिहारी मंदिर के संबंध में शिकायत मिली है, मामला मेरे संज्ञान में हैं। एसडीएम पूरे मामले की जांच करवा रहे हैं, जांच के बाद भी पता चलेगा कि दुकानों में क्या गड़बड़ी हुई है।

सी बी प्रसाद, अपर कलेक्टर, मुरैना