
Manoj Bajpai
डायरेक्टर दीपेश जैन की फिल्म 'गली गुलियां' आज यानी 7 सितंबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है, जो कि एक साइकोलॉजिल ड्रामा फिल्म है। ये मूवी आपके दिमाग को कसरत करवा देगी। अगर आप मूवी को एंटरटेनमेंट के उद्देश्य से देखने जा रहे हैं तो आपको निराशा ही हाथ लगेगी। अगर आप उन लोगों में से हैं जो सार्थक सिनेमा देखना पसंद करते हैं तो आप मनोज बाजपेयी की फिल्म 'गली गुलियां' को आजमा सकते हैं। फिल्म आपको हर मोड़ पर झकझोरने का काम करती है, जो आपके दिमाग पर हर कदम वार करेगी। फिलहाल, फिल्म में मनोज की शानदार एक्टिंग देखने को मिलेगी। उन्होंने अपने किरदार के साथ पूरी तरह से न्याय किया है।
कहानी
फिल्म की कहानी खुद्दूस (मनोज बाजपेयी) के बारे में है जो दिल्ली के चांदनी चौक इलाके में अकेले रहता है और जीवन यापन के लिए इलेक्ट्रीशियन का काम करता है। उसके माता पिता नहीं हैं और अपने छोटे भाई के साथ उसके सम्बन्ध अच्छे नहीं हैं। उसे अपने पड़ोस के लोगों में खासा दिलचस्पी है और क्लोज सर्किट कैमरे के जरिए उन पर ताक झांक भी करता है। लेकिन वहीं यह इलेक्ट्रीशियन एक बच्चे की मदद करना चाहता है जिसे उसके पिता हर वक्त मारते-पिटते रहते हैं। लेकिन किसी कारण वस वह उस बच्चे की मदद नहीं कर पाता हैं। इस वजह से और फिल्म की पूरी कहानी से रूभरू होने के लिए आपको सिनेमाघर का रुख लेना होगा तभी आप इस मूवी की कहानी को ठीक से समझ पाएंगे।
पत्रिका व्यू...
1. मनोज बाजपेयी की सधी हुई एक्टिंग।
2. जोरदार कहानी के साथ जबरदस्त डायरेक्शन।
3. फिल्म में कोई मसाला और कोई ऐसा गीत नहीं, जिसने दर्शकों को आकर्षित किया हो।
दीपेश जैन की इस फिल्म को बारिकी से देखने के बाद पत्रिका एंटरटेनमेंट की ओर से 5 में से 3.5 स्टार दिए जा सकते हैं।
स्टारकास्ट
फिल्म 'गली गुलियां' दीपेश की पहली डायरेक्शन मूवी है। जहां मनोज अपनी फिल्म में एक्टिंग के लिए काबिल-ए-तारीफ हैं वहीं दीपेश भी मूवी की स्टोरी और डायरेक्शन के लिए इसके हकदार हैं। बात दें कि फिल्म में मनोज के अलावा रणवीर शोरे, नीरज काबि और शबाना गोस्वामी अहम भूमिका में हैं साथ ही बाल कलाकार के रूप में ओम सिंह बॉलीवुड में डेब्यू कर रहे हैं।
Published on:
07 Sept 2018 02:12 pm
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