
Mere Pyare Prime Minister
पिछले कुछ सालों से बॉलीवुड में सामाजिक मुद्दों पर फिल्में बन रही हैं और इन फिल्मों को दर्शक काफी पसंद भी कर रहे हैं। इन फिल्मों में शामिल हैं 'टॉयलेट एक प्रेम कथा', 'पैडमैन', 'दंगल', और 'पिंक' जैसी फिल्में। कुछ इसी तरह के मुद्दों पर आधारित है फिल्म 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' (Mere Pyare Prime Minister)। इस फिल्म के निर्देशक हैं राकेश ओमप्रकाश मेहरा जिन्होंने इससे पहले'रंग दे बसंती' और 'भाग मिल्खा भाग' जैसी फिल्में बानाई हैं। मेहरा की फिल्म 'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' आज सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है। इस फिल्म के नाम से आपको लगेगा की ये कोई राजनीती पर आधारित मूवी होगी लेकिन ऐसा नहीं है। इसकी कहानी कहीं न कहीं अपके दिल को जरूर छूने वाली है। तो सिनेमाहाल में जाने से पहले देख लें कैसी है ये फिल्म...
'मेरे प्यारे प्राइम मिनिस्टर' (Mere Pyare Prime Minister) की कहानी घाटकोपर की झोपड़ी में रहने वाले एक मां-बेटे की है। यहां एक गरीब महिला सरगन(अंजलि पाटिल) अपने 8 साल के बेटे कान्हू (ओम कनौजिया) के साथ रहती है। मां-बेटे दोनों ही गरीबी के बाद भी सुखी जीवन बिता रहे होते हैं। फिल्म में दिखाया गया है की बस्ती में शौचालय न होने की वजह से महिलाओं को कितनी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। शौचालय ना होने की वजह से महिलाओं को शौच के लिए अंधेरे में रेलवे पटरी के पास जाना होता है। इसी बीच एक दिन शौच जाते वक्त सरगम के साथ यौन दुष्कर्म हो जाता है। यहीं से कहानी में ट्विस्ट आता है। इस घटना के बाद कान्हू ये फैसला करता है कि वह मां के लिए शौचालय बनवा कर ही रहेगा। इसी लड़ाई के लिए कान्हू भारत के प्राइम मिनिस्टर तक पहुंच जाता है और लोकतंत्र की ताकत का अहसास कराता है। कुछ इसी तरह की जद्दोजहद पर बनी है ये फिल्म।
पत्रिका व्यू
फिल्म में सभी कलाकारों की एक्टिंग जबरदस्त।
फिल्म में जिस तरह से सामाजिक मुद्दे को दिखाया गया है वो काबिलेतारीफ है।
फिल्म के गाने की आभाव दिखा।
फिल्म के तीनों बाल कलाकारों ने कमाल का काम किया है।
कुल मिलाकर पत्रिका एंटरटेंमेंट की ओर से फिल्म को 5 में से 3 स्टार्स दिए जा सकते हैं। हालांकि आने वाले हफ्तों में पता चलेगा की फिल्म बॅाक्स ऑफिस पर कितना धमाल मचाती है।
Published on:
15 Mar 2019 09:31 am
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