
द भूतनी मूवी रिव्यू
The Bhootnii Review: बॉलीवुड स्टार संजय दत्त और मौनी रॉय की नई मूवी द भूतनी रोमांस और भावनाओं के साथ एक हॉरर कॉमेडी का प्रयास करती है। यहां पढ़िए इसका रिव्यू:
कुछ फिल्में सिर्फ एंटरटेन नहीं करतीं, बल्कि कुछ नया भी दिखा जाती हैं। ‘द भूतनी’ ऐसी ही एक फिल्म है जिसे सिद्धांत सचदेव ने लिखा और डायरेक्ट किया है। इसमें हॉरर, कॉमेडी, रोमांस और सुपरनैचुरल थ्रिल को अच्छी तरह मिलाया गया है। कॉलेज कैंपस की इस कहानी में देसी लोककथाओं का तड़का भी है।
एक्टिंग दमदार है, कहानी मजेदार है और बैकग्राउंड म्यूजिक जबरदस्त है। कुल मिलाकर ये फिल्म एक थ्रिल और मजे से भरी सवारी है, जो आपको इस साल डर का सबसे मजेदार अनुभव देने के लिए आ गई है।
द भूतनी की कहानी बस डराने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें इमोशन, हसी और थ्रिल का जबरदस्त मेल है। ये कहानी सेंट विंसेंट कॉलेज के बैकड्रॉप में सेट है, जहां हर वैलेंटाइन डे पर “वर्जिन ट्री” की डरावनी दास्तान दोहराई जाती है, यानी एक ऐसी आत्मा जो सच्चे प्यार की तलाश में निकलती है, लेकिन होली आते-आते उसकी मोहब्बत खूनी रूप ले लेती है।
वैलेंटाइन डे से होली तक के 27 दिन भूतिया मंजरों, इमोशनल मोड़ों और जोरदार कॉमेडी से भरपूर हैं। सिद्धांत सचदेव की डायरेक्शन की सबसे बड़ी खासियत है उनकी कहानी पर पकड़ और माहौल को बनाने की कला। वो एक ऐसी दुनिया रचते हैं जहां किरदारों की दोस्ती और मोहब्बत में आप इतना डूब जाते हैं कि हर सीन में डर अपने आप सिर उठाने लगता है।
इस खौफनाक लेकिन मजेदार कहानी की जान हैं संजय दत्त, जो 'बाबा' के रोल में एकदम छा गए हैं, एक ऐसा पैरानॉर्मल इन्वेस्टिगेटर जो भूतों से टकराने की हिम्मत भी रखता है और रॉकस्टार वाला स्वैग भी। सालों बाद संजय दत्त को इस अंदाज में देखना मजा दे जाता है-हास्य और हीरोइज्म का शानदार मेल। वहीं शांतनु के रोल में सनी सिंह भी दिल जीत लेते हैं। प्यार में पड़ा, मासूम लेकिन जज्बाती किरदार उन्होंने बेहद ईमानदारी और चाव से निभाया है। उनकी परफॉर्मेंस में एक अपनापन और गर्मजोशी है जो फिल्म से जोड़कर रखती है।
बात करें पलक तिवारी की तो उन्होंने अनन्या के किरदार में कहानी को एक इमोशनल गहराई दी है, उनकी परफॉर्मेंस में एक सच्चाई है जो दर्शकों से सीधा जुड़ती है। वहीं निकुंज शर्मा और आसिफ खान की जोड़ी फिल्म की सबसे जबरदस्त हंसी लेकर आती है, दोनों की कॉमिक टाइमिंग कमाल की है। मौनी रॉय ‘मोहब्बत’ के रूप में सबसे अलग नजर आती हैं-एक भूतिया लेकिन दर्द भरी परफॉर्मेंस के साथ। वो डराती भी हैं और कहीं न कहीं दिल भी छू जाती हैं। उनके अभिनय में डर और दर्द का अनोखा मेल है, जो लंबे वक्त तक याद रह जाता है।
अब बात म्यूजिक की करें तो संतोश नारायणन ने कमाल कर दिया है। ‘आया रे बाबा’, ‘तररारा’, ‘रंग लगा’ और ‘महाकाल’ जैसे गाने फिल्म को दमदार एनर्जी देते हैं और स्क्रीन पर कल्चर का धमाका कर देते हैं। बैकग्राउंड म्यूज़िक हर सीन के साथ बिल्कुल फिट बैठता है जो कहीं डराता है, कहीं थ्रिल बढ़ाता है और कहीं कहानी को ठहराव देता है।
जो बात ‘द भूतनी’ को वाकई खास बनाती है, वो है इसका इमोशनल कोर। हंसी और डर के नीचे एक कहानी है चाहत की, अकेलेपन की, और देखे व समझे जाने की चाहे वो इंसान हो या आत्मा। ये फिल्म डराने से ज़्यादा जोड़ने में यकीन रखती है। आज जब ज्यादातर हॉरर और कॉमेडी फिल्मों में दोहराव होता है, ‘द भूतनी’ एक त्योहार की तरह आती है रंगीन, पागलपन से भरी, दिल से हँसाने वाली और सही मायनों में डरावनी है।
फिल्म: द भूतनी
राइटर और डायरेक्टर: सिद्धांत सचदेव
कास्ट: संजय दत्त, मौनी रॉय, सनी सिंह, पलक तिवारी, निकुंज शर्मा, आसिफ खान और अन्य
ड्यूरेशन: 2 घंटे 10 मिनट
रेटिंग: 3.5/5
Updated on:
01 May 2025 03:20 pm
Published on:
01 May 2025 01:29 pm
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