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अधिकारियों की मिलीभगत से मुंबई में हैं 204 अवैध निजी स्कूल 

एम पश्चिम वार्ड कार्यालय में सर्वाधिक 36 स्कूल, मुंबई महानगरपालिका अधिकार क्षेत्र में वर्तमान में 204 अवैध निजी स्कूल हैं

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Vikas Gupta

Dec 14, 2015

illegal private school in Mumbai

illegal private school in Mumbai

मुंबई। मुंबई महानगरपालिका अधिकार क्षेत्र में वर्तमान में 204 अवैध निजी स्कूल हैं, जिसमें सर्वाधिक 36 अवैध निजी स्कूल एम पश्चिम वार्ड कार्यालय में होने की जानकारी एक सोशल एक्टिविस्ट को शिक्षा विभाग ने दी है। स्कूली शिक्षा शालेय विभाग से अवैध निजी स्कूल की जानकारी दिनांक 25 जून 2015 को आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मांगी थी। निजी प्राथमिक स्कूल विभाग के उपशिक्षाधिकारी प्रकाश चन्हाटे ने गलगली को 204 अवैध निजी स्कूलों की लिस्ट दी है। इस लिस्ट में सर्वाधिक 36 अवैध निजी स्कूल एम पश्चिम वार्ड कार्यालय में हैं। उसके बाद 30 कुर्ला एल वार्ड, 20 पी उत्तर वार्ड, 12 घाटकोपर एन वार्ड, 12 चेंबूर एम पूर्व वार्ड, 10 माटुंगा एफ उत्तर वार्ड, 10 अंधेरी के पूर्व वार्ड, 10 आर मध्य वार्ड , 10 आर उत्तर वार्ड, 9 आर दक्षिण वार्ड, 9 भांडुप एस वार्ड, 8 पी दक्षिण वार्ड, 8 जी उत्तर वार्ड, 5 भायखला ई वार्ड, 5 अंधेरी के पश्चिम वार्ड, 3 बी वार्ड, 2 मुलुंड टी वार्ड, 2 एफ दक्षिण वार्ड, 1 ए वार्ड, 1 एच पूर्व और 1 डी वार्ड कार्यालय में अवैध निजी स्कूल हैं।

1 लाख का जुमानज
अवैध निजी स्कूल पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगने पर अनिल गलगली को बताया कि शिक्षा अधिकारी कानून के प्रावधाननुसार स्कूल के खिलाफ कार्रवाई करते समय 'बालकों को मुफ्त और सख्ती का शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 में धारा 18(5) के अनुसार, 1,00,000 रुपये जुर्माना और सूचना देने के बाद भी स्कूल बंद न करने पर 10,000 रुपये प्रति दिन जुर्माना लगाने का प्रावधान हैं। उसके अनुसार स्कूल को नोटिस दी गई हैं।

सरकारी निर्णय अस्पष्ट
अवैध निजी स्कूल पर की गई कार्रवाई कर जुर्माना लगाने के बाद वसूल करने की जुर्माना की रकम किस हेड के तहत जमा करे इस मामले में बालकों को मुफ्त और सख्ती का शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 अधिकार नियम में और उस के अंतर्गत अब तक शासन स्तर पर निर्मित किए गए शासन पत्र में, शासन निर्णय में कोई भाष्य या सूचना नहीं है। जुर्माने की किस प्राधिकरण के यहां एवं किस बजट के तहत जमा करे, इस बाबत प्रावधान न होने से इसे लेकर सरकार से पत्र व्यवहार किया है। लेकिन सरकार से इस मामले में अब तक कोई निर्देश प्राप्त नहीं हो सका है।

अधिकारियों पर हो कार्रवाई
गलगली के अनुसार, यह जुर्माना वसूल करते वक्त इस तरह चलने वाले अवैध निजी स्कूल निदेशकों पर एफआईआर दर्ज करना आवश्यक है। सरकारी निर्णय अस्पष्ट होने से 2 करोड़ से अधिक जुर्माना राशि वसूल नहीं हो पाई है। यह बाबत अस्पष्ट और अधूरा सरकारी निर्णय निकालने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई कर सरकारी निर्णय सुस्पष्ट जारी करने की मांग मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस को भेजे हुए पत्र में अनिल गलगली ने की है।

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