महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने एक बड़ा फैसला लिया है। जिसके मुताबिक अब बिना ट्रांसफर सर्टिफिकेट (टीसी) के भी छात्रों को स्कूलों में एडमिशन दिया जायेगा। कई बार स्कूल द्वारा अलग-अलग कारणों की वजह से विद्यार्थियों को टीसी नहीं दी जाती है। जिसकी वजह से उन्हें एडमिशन लेने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इसलिए अब बर्थ सर्टिफिकेट के आधार पर भी प्रवेश दिया जाएगा।
Deepak Kesarkar
महाराष्ट्र (Maharashtra) के स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने एक बड़ा फैसला लिया है। स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर के मुताबिक, राज्य सरकार ने यह आदेश जारी किया है कि स्कूलों में एडमिशन देते समय पुराने स्कूल से ट्रांसफर सर्टिफिकेट (TC) लाने का आग्रह न किया जाए। कोरोना काल में स्टूडेंट्स की घटती संख्या को ध्यान में रखते हुए स्कूलों के बीच स्टूडेंट्स को अपने-अपने स्कूलों में रोके रखने के लिए रस्साकशी देखी जा रही है। पुराने स्कूल को छोड़कर दूसरे स्कूलों में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स को स्कूल ‘ट्रांसफर सर्टिफिकेट’ (टीसी) देने से मना करते पाए गए हैं।
कुछ प्राइवेट स्कूलों ने फीस न भरने की वजह से टीसी जारी करने से मना कर दिया है। सिर्फ ट्रांसफर सर्टिफिकेट न होने की वजह से सैंकड़ों स्टूडेंट्स पर शिक्षा से वंचित रह जाने का खतरा मंडरा रहा है। इस बीच स्कूली शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर ने साफ शब्दों में कहा है कि किसी भी स्टूडेंट का एडमिशन सिर्फ टीसी न होने की वजह से न रोका जाए। राज्यभर में प्राइमरी या सेकेंडरी स्कूल में किसी भी कोर्स में एडमिशन पाने की इच्छा रखने वाले स्टूडेंट को कक्षा पहली से लेकर कक्षा 10वी तक आसानी से एडमिशन लेते बनेगा।
दीपक केसरकर ने आगे कहा कि सरकारी आदेश के मुताबिक स्टूडेंट का बर्थ सर्टिफिकेट देखकर उसे उम्र के हिसाब से कक्षा में एडमिशन दिया जाए। शिक्षा अधिकार कानून में इसका प्रावधान है। बता दें कि कोरोना काल के बाद कोई प्राइवेट स्कूल ट्रांसफर (टीसी) या लीविंग सर्टिफिकेट (एलसी) देने से मना कर दे, तो आम तौर पर सरकारी स्कूल या अनुदानित स्कूल उसे एडमिशन नहीं दे पाते। ऐसे स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए सरकार आदेश पारित किया गया है।
कैसे लागू होगा यह आदेश: किसी स्टूडेंट का एजुकेशन खंडित न हो, वह स्कूल के वंचित न रहे- इसकी जिम्मेदारी संस्था चालक और हेड मास्टर की होगी। इसका पालन न करने पर दोनों पर कार्रवाई की जाएगी। स्टूडेंट का नया स्कूल सरकारी पोर्टल पर विद्यार्थी की जानकारी दर्ज करते हुए पुराने स्कूल से टीसी की मांग करेगा। सात दिनों के भीतर इसकी पूर्ति न होने पर पुराने स्कूल के संस्था चालक/हेड मास्टर पर कड़ी कार्रवाई होगी।