गौरतलब है कि मनपा कर्मचारियों की उपस्थिति कड़ाई से दर्ज करने के लिए मनपा प्रशासन ने कुछ महीनों से बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज करने की शुरुआत की,जो वेतन से लिंक किया गया है। अनेक बार बायोमेट्रिक व्यवस्था में समय पर उपस्थिति दर्ज कराने के बाद भी उपस्थिति दर्ज न होने पर वेतन १०० रुपए से ५०० रुपए से ५ हजार रुपए तक वेतन आ रहा है। सफाई कर्मचारियों से लेकर अस्पताल सहित सभी विभाग के कर्मचारियों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है। इस बात की शिकायत सभी कर्मचारियों की ओर से की जा रही है।इसे देखते हुए कर्मचारी समन्वय समिति के माध्यम से मनपा प्रशासन से बार बार शिकायत करने पर बायोमेट्रिक व्यवस्था में गड़बड़ी को दूर करने की मांग की जा रही है। इस बारे में आयुक्त के आश्वासन देने के बाद भी हर महीने यह गड़बड़ी हो रही है। और कर्मचारियों का आर्थिक नुकसान हो रहा है।
सबसे चौकाने वाली बात यह है कि पिछले दिनों सांगली-कोल्हापुर में बाढ़ ग्रस्त इलाकों में मदद कार्य करने गए कर्मचारियों का वेतन भी बायोमेट्रिक व्यवस्था के कारण रोक दिया गया था। गुरुवार को इनका वेतन खाते में जमा कराया गया। बता दें कि डी वार्ड के तकरीबन ५०० कर्मचारियों का वेतन बायोमेट्रिक व्यवस्था के कारण अभी तक मिला नहीं है। रुके वेतन को देने के लिए शुक्रवार को मनपा प्रशासन की म्युनिसिपल मजदूर यूनियन के साथ बैठक आयोजित की गई। इस दौरान दीवाली के पहले वेतन देने का आश्वासन दिया गया। यह जानकारी म्युनिसिपल मजदूर यूनियन के संघटक प्रवीण मांजलकर ने दी।
उपस्थिति की जिम्मेदारी निश्चित की जाएगी
सफाई कर्मचारी अलग-अलग जगह पर काम करते हैं। जिसके कारण उपस्थिति लगाने में गड़बड़ी हो रही है। उपस्थिति का रिकॉर्ड रखने वाले अधिकारी और क्लरिकल स्टाफ के बीच समन्वय न होने के कारण उपस्थिति बराबर दर्ज नहीं हो रही है।
उसके बाद उपस्थिति उचित तरीके से दर्ज करने की जिम्मेदारी निश्चित कर काम करने का आश्वासन प्रशासन ने दिया है। साथ ही सैप प्रणाली कर्मचारी समझे इसके लिए प्रशासन सबको ट्रेनिंग देगा।