ज्ञात हो कि बंबई उच्च न्यायालय ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार के खिलाफ कथित मानहानिकारक ट्वीट करने के लिए 21 साल के छात्र की गिरफ्तारी के मामले में राज्य की एमवीए सरकार की खिंचाई की है। अदालत ने सरकार से यह भी कहा कि क्या आपत्तिजनक लगने वाले हर ट्वीट का वह संज्ञान लेगी। हाईकोर्ट ने आगे कहा कि शरद पवार खुद नहीं चाहेंगे कि उस छात्र को जेल में रखा जाए।
छात्र निखिल भामरे द्वारा दायर एक याचिका की हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति एस एस शिंदे की अध्यक्षता वाली खंडपीठ सुनवाई कर रही थी। इसमें उसके खिलाफ दर्ज मुकदमों को चुनौती दी गई थी। साथ ही छात्र को तुरंत रिहा करने का अनुरोध किया गया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने छात्र द्वारा किये गए ट्वीट को संज्ञान लेने के बाद कहा कि इसमें किसी के नाम का जिक्र नहीं है। दरअसल 21 साल के निखिल भामरे को नाशिक पुलिस ने शरद पवार के खिलाफ आपत्तिजनक ट्वीट के चलते गिरफ्तार किया था। बाद में मुंबई पुलिस ने उसकी कस्टडी ली थी।