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Maharashtra Political Crisis: कभी ऑटो रिक्शा चलाने वाले ने आज ऐसे बदल दी महाराष्ट्र के सत्ता की तस्वीर, एकनाथ शिंदे के सियासी सफर पर एक नजर

महाराष्ट्र में अब नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इसमें शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने अहम रोल निभाया है। बता दें कि एकनाथ शिंदे ने अपनी राजनीतिक पकड़ और दूरदर्शिता से धीरे-धीरे शिवसेना में पकड़ बनाना शुरू कर दी। साल 2005 में जब दिग्गज नेता नारायण राणे ने शिवसेना छोड़ी तो एकनाथ शिंदे का पार्टी में कद बढ़ गया।

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Eknath Shinde

महाराष्ट्र में हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच विधानसभा में फ्लोर टेस्ट से पहले ही मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने एमएलसी पद से भी इस्तीफा दे दिया है। इसके बाद अब राज्य में नई सरकार बनाने का रास्ता साफ हो गया है। इसमें शिवसेना के बागी विधायक एकनाथ शिंदे ने अहम रोल निभाया है। एकनाथ शिंदे ने महाविकास अघाड़ी सरकार से बगावत करके बागी विधायकों का गुट बनाया और आज महाराष्ट्र की सत्ता में डिप्टी सीएम पद संभालने जा रहे हैं। किसी ने भी ये नहीं सोचा था कि बाला साहेब ठाकरे की पार्टी में इस तरह की बगावत होगी।

बता दें कि इससे पहले भी शिवसेना में बगावत हुईं थी लेकिन किसी ने अपना अलग दल बनाया तो कोई दूसरी पार्टी का दामन थामा। लेकिन एकनाथ शिंदे ने पूरी शिवसेना को ही हाईजैक कर लिया। महाराष्ट्र की सियासत में उनके सफर पर एक नजर। यह भी पढ़ें: Maharashtra Political Crisis: उद्धव सरकार गिरने के बाद Twitter पर ट्रेंड कर रहा है 'उखाड़ दिया' हैशटैग, यूजर्स के निशाने पर हैं संजय राउत

1997 में चुनाव जीतकर बन गए पार्षद

शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने पहली बार 1997 में ठाणे नगर निगम का चुनाव लड़ा और पार्षद बन गए। इसके बाद 2001 में वह नगर निगम सदन में विपक्ष के नेता चुने गए। जब वह पार्षद थे, तब एक दुर्घटना में उन्होंने अपने 11 साल के बेटे और सात साल की बेटी को खो दिया। शिंदे के दूसरे बेटे श्रीकांत उस समय 13 साल के थे। श्रीकांत शिंदे आज शिवसेना के सांसद हैं।

साल 2005 में दिग्गज नेता नारायण राणे ने शिवसेना छोड़ी तो एकनाथ शिंदे का कद पार्टी में बढ़ाना शुरू हो गया। इसके लिए उन्हें काफी अच्छे अवसर भी मिले और पूरी निष्ठा के साथ उन्होंने आगे बढ़ना शुरू कर दिया। एकनाथ शिंदे ने अपनी राजनीतिक पकड़ धीरे धीरे शिवसेना में पकड़ बनाना शुरू कर दी।

साल 2004 में एकनाथ शिंदे को ठाणे से विधानसभा चुनाव लड़ने का टिकट मिल गया। उन्होंने 2004 में ठाणे से शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद 2009 में भी वो चुनाव जीते। इस जीत का सिलसिला 2014 और 2019 में भी जारी रहा। साल 2014-2019 तक वह देवेंद्र फडणवीस की सरकार में राज्य के लोक निर्माण मंत्री भी रह चुके हैं।

58 वर्षीय एकनाथ शिंदे शिंदे ने अपना स्कूली जीवन ठाणे से शुरू किया। एकनाथ शिंदे शुरू में ऑटो रिक्शा चलाते थे। उसी दौरान उनकी मुलाकात शिवसेना नेता आनंद दिघे से हुई, यह मुलाकात उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट बना। महज 18 साल की उम्र में एकनाथ शिंदे का राजनीतिक जीवन की शुरूआत हुई।

जब 2019 में विधानसभा चुनाव हुए थे, तब खबर चली थी कि एकनाथ शिंदे को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाया जाए। लेकिन बीजेपी से अलग होने के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद की शपत ली और शिंदे उद्धव सरकार में शहरी विकास मंत्री बनाए गए। शिवसेना के बगावत के बाद अब शिंदे डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने जा रहे हैं, ऐसे में शिंदे का कद कितना बढ़ता है, महाराष्ट्र की सियासत में उनकी पकड़ कितनी मजबूत होती है, यह आने वाला वक्त ही बताएगा।