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सेंट्रल में आज से चलेगी यात्री सुरक्षा चेतावनी प्रणाली वाली लोकल

दौड़ कर ट्रेन पकडऩे के दौरान होनेवाली दुर्घटनाएं कम होने की उम्मीदवरिष्ठ अधिकारियों की देखरेख में बनी लोकल

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दौड़ कर ट्रेन पकडऩे के दौरान होनेवाली दुर्घटनाएं कम होने की उम्मीद

दौड़ कर ट्रेन पकडऩे के दौरान होनेवाली दुर्घटनाएं कम होने की उम्मीद

मुंबई. लोकल ट्रेन हादसों में लोगों की जान बचाने से जुड़ी पत्रिका की मुहिम रंग दिखा रही है। रेल हादसे कम करने के साथ ही यात्रियों की जान बचाने के लिए कई उपायों पर काम चल रहा है। इस कड़ी में सेंट्रल रेलवे की ओर से यात्री सुरक्षा प्रणाली से युक्त देश की पहली लोकल चलाई जा रही है। गुरुवार को इस लोकल का परीक्षण किया गया। सब कुछ ठीक रहा तो शुक्रवार से यह लोकल यात्रियों की सेवा में उपलब्ध होगी। यात्री सुरक्षा प्रणाली वाली इस लोकल के कोच के दरवाजों पर नीले रंग की लाइट लगाई गई है। गंतव्य के लिए ट्रेन रवाना होते ही नीले रंग की लाइट ऑन हो जाएगी। यह नीली लाइट यात्रियों को संकेत देगी कि ट्रेन स्टार्ट हो चुकी है, और चलती ट्रेन में चढऩे का जोखिम न लें। माना जा रहा है कि ट्रेन छूटने के बाद दौड़ कर उसमें सवार होने की कोशिश के दौरान होनेवाले हादसे नीली लाइट की मदद से कम किए जा सकते हैं।


दरवाजे बंद करने से होगी असुविधा
लोकल हादसे रोकने के लिए बंद दरवाजे वाले ट्रेन चलाने के ढेर सारे सुझाव मिले हैं। लेकिन अधिकारियों का कहना है कि लोकल के दरवाजे बंद करने पर यात्रियों को असुविधा होगी। पर्याप्त हवा न मिलने से लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है। मेट्रो ट्रेन और एसी ईएमयू मेंइलेक्ट्रॉनिक दरवाजा होता है, जिनमें हवा की कमी नहीं होती।

साल में होती है तीन हजार लोगों की मौत
लोकल की चपेट में आने से महानगर में रोजाना औसतन 10 लोगों की मौत होती है जबकि इतने ही लोग घायल होते हैं। सालाना आधार पर देखें तो तकरीबन तीन हजार लोगों की मौत लोकल से होती है। इस मामले को पत्रिका ने गंभीरता से लिया।
रेल मंत्री का आदेश
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने पत्रिका की मुहिम को गंभीरता से लिया। यात्रियों की जान बचाने के लिए उन्होंने रेलवे अधिकारियों को जरूरी उपाय करने को कहा।


कुर्ला कार शेड में खास तौर पर तैयार की लोकल
यात्री सुरक्षा प्रणाली को छोड़ दें तो बाकी लोकल गाडिय़ों की तरह ही यह ट्रेन भी है। कुर्ला कार शेड में जरूरी बदलाव कर यह लोकल तैयार की गई है। दरवाजे पर नीली लाइट जलने के बाद यात्री समझ जाएंगे कि ट्रेन स्टार्ट हो चुकी है, जिसे आखिरी वक्त में पकडऩा खतरे से खाली नहीं है।

सेंट्रल
रेलवे के मुख्य जनसंपर्क
अधिकारी सुनील उदासी ने यह जानकारी दी।