
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव अक्टूबर-नवंबर में होने वाले हैं। इस वजह से सूबे की सभी राजनीतिक दल और उनके नेता सक्रीय हो गए है। आगामी विधानसभा चुनाव में शिवसेना, बीजेपी और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के ‘महायुति’ गठबंधन की उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी), शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी (एसपी) और कांग्रेस के महाविकास आघाडी (MVA) गठबंधन के साथ कांटे का मुकाबला होने की संभावना है। दोनों खेमों के नेता अपने-अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे है।
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) मुखिया शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में अगले दो महीनों में ‘महायुति’ सरकार को सत्ता से हटाने और छत्रपति शिवाजी के आदर्शों वाली नई सरकार बनने तक विपक्ष चैन से नही बैठेगा।
मुंबई के घाटकोपर में पार्टी के 'युवा संवाद' कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पवार ने कहा, ‘‘मैं आपको (कार्यकर्ताओं को) आश्वासन देता हूं कि यदि आप अपनी एकता दिखाते हैं, तो हम तब तक चुप नहीं बैठेंगे, जब तक कि अगले दो महीनों में महाराष्ट्र में सरकार नहीं बदल जाती और शिवाजी महाराज के आदर्शों पर लोगों के हितों की रक्षा करने वाली एक नयी सरकार नहीं बन जाती।’’
वहीँ, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की जीत का दावा करते हुए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि दिवाली के बाद सिर्फ सत्तारूढ़ गठबंधन ही पटाखे जलाएगी। अपने गृह नगर ठाणे में रविवार देर रात को एक जनसभा को संबोधित करते हुए शिवसेना प्रमुख शिंदे ने अपने गुरु आनंद दीघे और शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे को विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके नेतृत्व वाली शिवसेना दीघे और ठाकरे की सीख और सिद्धांतों का पालन करती रहेगी।
विरोधियों पर निशाना साधते हुए सीएम शिंदे ने कहा, “उन्हें गलियों देने दीजिये या दिल्ली जाने दीजिए। उन्हें महत्व मत दीजिए। हम अपना काम जारी रखेंगे।“ शिंदे ने अपनी सरकार द्वारा शुरू की गई विभिन्न योजनाओं का जिक्र किया और कहा कि आप जितनी ताकत देंगे, लाभ भी उतना ही होगा।
Updated on:
02 Sept 2024 07:58 pm
Published on:
02 Sept 2024 07:55 pm
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