बता दें के शिंदे-फडणवीस सरकार ने फ्लोर टेस्ट में 164 मतों से बहुमत हासिल किया। वहीं, विपक्ष को महज 99 वोट मिले। अब सरकार के सामने कैबिनेट विस्तार की बड़ी चुनौती है। सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक बीजेपी को 28 मंत्री पद और शिंदे खेमे को 15 मंत्री पद मिल सकते है। बीजेपी के 28 में डिप्टी सीएम सहित 20 कैबिनेट मंत्री शामिल होने का अनुमान है, जबकि 8 राज्य मंत्री हो सकते है। दूसरी तरफ शिंदे गुट में सीएम के साथ 11 कैबिनेट मंत्री और 4 राज्य मंत्री पद मिल सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस महीने के 11 तारीख को मंत्रियों की सूची का एलान होना था। लेकिन उसी दिन बागी विधायकों की अयोग्यता संबंधी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। इसके बाद मंत्रियों की सूची का एलान राष्ट्रपति चुनाव तक के लिए स्थगित कर दिया गया। बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को राज्य का सीएम बना दिया। अब बीजेपी की तरफ से गृह, वित्त, जल संसाधन विभाग पर दबाव बढ़ गया है। इसके साथ ही शिंदे-बीजेपी गठबंधन में निर्दलीय और अन्य दलों को शामिल करने की भी कोशिश की जा रही है। इस लिस्ट में कुछ नए नाम मुंबई, ठाणे, पालघर, नवी मुंबई जैसे नगर निकाय चुनावों को देखते हुए मंत्री सूची में शामिल होने की संभावना है।
इन नेताओं की लग सकती है लॉटरी: चंद्रकांत पाटिल: साल 2014 की फडणवीस सरकार में राज्य बीजेपी प्रमुख और पूर्व लोक निर्माण मंत्री चंद्रकांत पाटिल को देवेंद्र फडणवीस का करीबी माना जाता है। बीजेपी कैबिनेट में जातिगत समीकरण पर ध्यान में रखते हुए चंद्रकांत पाटिल को मंत्री पद मिल सकता है। अगर चंद्रकांत पाटिल को कैबिनेट में जगह मिलती है, तो उन्हें महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष का पद छोड़ना पड़ेगा।
संजय कुटे: संजय कुटे महाराष्ट्र के जलगांव से बीजेपी के विधायक है। संजय कुटे को देवेंद्र फडणवीस के साथ प्रवीण दरेकर, प्रसाद लाड, सुधीर मुनगंटीवार आदि नेताओं का करीबी जाना जाता है। संजय कुटे ने सीएम एकनाथ शिंदे के विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एकनाथ शिंदे और बाकी के बागी विधायकों के साथ सूरत के एक होटल में रहे। इसके बाद संजय कुटे बागी विधायकों के साथ गुवाहाटी भी गए थे।
बच्चू कडू: चार बार के विधायक रहे बच्चू कडू महाराष्ट्र की राजनीति में एक जाना-पहचाना चेहरा हैं और पहले राज्य मंत्री रह चुके हैं। बच्चू कडू ने एकनाथ शिंदे का समर्थन किया है। ऐसे में बच्चू कडू कैबिनेट की दौड़ में सबसे आगे हैं।
रवि राणा: अमरावती जिले के बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र से तीन बार निर्वाचित निर्दलीय विधायक रवि राणा और उनकी पत्नी नवनीत राणा राज्य के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे के आवास ‘मातोश्री’ के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की धमकी देने के बाद खूब सुर्खियां बटोरी। इसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया और एक हफ्ते बाद जमानत पर रिहा किया गया। 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद रवि राणा ने बीजेपी का समर्थन किया। इसके बाद रवि राणा ने राज्यसभा और विधान परिषद चुनावों में भी बीजेपी को अपना मत दिया। ऐसे में शिंदे-फडणवीस सरकार में रवि राणा को मंत्री बनाया जा सकता है।
बता दें कि महाराष्ट्र की प्रमुख राजनीतिक पार्टी शिवसेना में फूट को लेकर दायर याचिकाओं पर आज फैसला नहीं हुआ है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त याचिकाओं पर सुनवाई करेगी और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट द्वारा दायर याचिकाओं पर एक हलफनामा दायर करने के लिए महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे को समय दिया है।