
महाराष्ट्र: क्यों लटका है शिंदे सरकार का कैबिनेट विस्तार
मुंबई. शिवसेना से बगावत के बाद 30 जून को महाराष्ट्र की सत्ता संभालने वाले मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार अब तक नहीं हो पाया है। सरकार में सहयोगी भाजपा के साथ मतभेदों और विभाग को लेकर किचकिच की अटकलें लगाई जा रही हैं। शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। कैबिनेट विस्तार को लेकर हमारे बीच कोई खींचतान नहीं है। मामला सुप्रीम कोर्ट में है। हम अदालत का सम्मान करते हैं। सोमवार को अंतरिम आदेश जारी हो सकता है। इसके बाद मुख्यमंत्री शिंदे और उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मंत्रियों का उचित निर्णय लेंगे। विपक्षी दलों की ओर से हो रही खिंचाई पर उन्होंने कहा कि कोई भी काम नहीं रुका है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को जन हित से जुड़े फैसलों के लिए अधिकृत किया है।
चुनाव आयोग के फैसले का भी इंतजार
विदित हो कि शिवसेना के 55 में से 40 विधायक शिंदे के साथ हैं। पार्टी में बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। शिवसेना के दोनों खेमे सुप्रीम कोर्ट और चुनाव आयोग में हैं। इनकी ओर से दाखिल याचिकाओं पर प्रधान न्यायाधीश एनवी रमणा के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय बेंच सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई में ठाकरे गुट को थोड़ी राहत मिली है। शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग से कहा है कि अगले आदेश तक शिवसेना के चुनाव चिन्ह को लेकर कोई फैसला नहीं करें। दो तिहाई से ’यादा विधायकों और सांसदों के समर्थन का हवाला देते हुए शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना होने का दावा कर रहा है।
Published on:
06 Aug 2022 11:56 pm
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