
म्हाडा की है मिल मजदूरों को घर दिलाने की जिम्मेदारी
मुंबई. म्हाडा में अपने घर के हक के लिए मिल मजदूरों को म्हाडा की ओर से सांत्वना दी गई है। मिल मजदूरों के लिए मुंबई की और आना महंगा हो सकता है इसलिए महाडा पूरी कोशिश कर रही है की उन्हें रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग में ही जगह उपलब्ध कराई जाए। म्हाडा के अध्यक्ष माननीय उदय सामंत ने कहा कि मुंबई में मिल श्रमिकों के घरों का सवाल महत्वपूर्ण है। म्हाडा के पास उन्हें घर उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी है। वहीं मुंबई के मिल मजदूर मुख्य रूप से एक कोंकण के हैं। इसलिए उनकी सुविधा को देखते हुए हम कोंकण में मिल श्रमिकों के लिए एक मार्गदर्शन शिविर आयोजित करने की योजना बना रहे थे। यह महाराष्ट्र की पहली पहल है और इसकी शुरुआत रत्नागिरी से हुई है।
3 हजार और घरों की प्रक्रिया जारी...
बकौल सामंत, इस मार्गदर्शन शिविर में लाखों कार्यकर्ताओं ने शिरकत की। उनके लिए कार्यान्वित प्रक्रिया पूरी तरह से ऑनलाइन है और पारदर्शिता के साथ काम को बल दिया जा रहा है। इसलिए किसी को भी दलालों के किसी भी तरह के लालच का शिकार नहीं होना चाहिए। म्हाडा घर-घर लेनदेन नहीं करता है। जिनका ऑनलाइन पंजीकरण हो चुका है, उन्हें 1 लाख 74 हजार 172 मिल श्रमिकों का घर मिल सकेगा। वहीं इस प्रक्रिया में दो बार आवेदन करने वाले लोगों के लगभग 29 हजार नामों को रद्द कर दिया गया है। अब तक 10 हजार घरों के लिए लॉटरी की प्रक्रिया हुई है। अब बची हुई तीन मिल की लॉटरी प्रक्रिया जल्द होगी। यह लॉटरी करीब 5 हजार 90 घरों के लिए होगी। साथ ही म्हाडा की योजना भविष्य में 3 हजार और घरों के निर्माण की है, जिसकी प्रक्रिया जारी है।
Published on:
23 Jul 2019 12:02 pm
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