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Mumbai: BMC की खुली पोल, स्कूलों में पढ़ाने की जगह छतरी का बिल जमा करा रहे शिक्षक

मुंबई में लगातार हो रही भारी बारिश से बीएमसी की पोल खुल गई है। बीएमसी स्कूलों के शिक्षकों को इस साल विद्यार्थियों को पढ़ने के साथ एक और काम सौंपा गया है। बीजेपी नेता आशीष शेलार ने शिक्षकों को बिल जमा करवाने का काम पर लगाने का विरोध करते हुए बीएमसी की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाए हैं।

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BMC School

मुंबई में लगातार हो रही भारी बारिश से बीएमसी की पोल खुल गई है। बीएमसी स्कूलों के शिक्षकों को इस साल विद्यार्थियों को पढ़ने के साथ एक और काम सौंपा गया है। बीएमसी स्कूलों के शिक्षकों को छात्रों से छतरी का बिल जमा करवाने का काम दिया गया है। विद्यार्थियों से छतरी खरीदी के सबूत के तौर पर 270 रुपए का बिल मांगा जा रहा है। बिल के नए काम ने शिक्षकों की परेशानी को और बढ़ा दी है।

बता दें कि बीएमसी हर साल बीएमसी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को फ्री में करीब 27 सामान देती है। इन सामानों में विद्यार्थियों को बारिश से बचाने वाली छतरी भी होती है। लेकिन इस वर्ष मॉनसून से पहले बीएमसी छतरी खरीद नहीं पाई है। टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से छतरी खरीदने की प्रक्रिया में अधिक समय लगने की संभावना को देख, बीएमसी ने विद्यार्थियों को सीधे छतरी का पैसे देने का निर्णय लिया है। जिसके लिए बिल मांगा जा रहा है। यह भी पढ़ें: Pune News: ब्रेनडेड लड़की ने सेना के जवान समेत इतने लोगों को दी नई जिंदगी, खुद दुनिया को कहा अलविदा

इस बीच बीजेपी नेता आशीष शेलार ने इस मामले का विरोध करते हुए बीएमसी की कार्य प्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आशीष शेलार ने कहा कि देश की सबसे धनी महानगरपालिका अपने विद्यार्थियों के लिए समय पर छतरी नहीं खरीद पाई, यह बड़े ही आश्चर्य की बात है।

दूसरी तरफ महाराष्ट्र राज्य शिक्षक परिषद मुंबई विभाग के कार्यवाहक शिवनाथ दराडे के मुताबिक, पहले से ही बीएमसी स्कूलों में लगभग एक हजार शिक्षकों की कमी है। शिक्षकों की कमी के कारण पहले से काम का बहुत बोझ है। ऐसे में बीएमसी ने एक और काम उनपर थोप दिया है। अभिभावकों से छतरी का जीएसटी वाला बिल लेने के लिए शिक्षकों को उनके साथ मीटिंग करनी पड़ रही है। जिसकी वजह से शिक्षकों का काम और बढ़ गया है। प्रशासन से हमारी मांग है कि बिल जमा करवाने का काम शिक्षकों के बजाए बीएमसी के परचेज विभाग के अधिकारियों से करवाना चाहिए।

वहीं शिक्षकों के अनुसार, बीएमसी स्कूल में पढ़ने वाले कई विद्यार्थियों के अभिभावक रोजी पर काम करने वाले है। मीटिंग में आने के लिए इनको एक दिन की छुट्टी लेनी पड़ेगी। यहीं कारण है कि 270 रुपए के बिल जमा करवाने में अभिभावकों में ज्यादा रुचि है।

बता दें कि छात्रों द्वारा 270 रुपए के बिल जमा करवाने के बाद छतरी का पैसा स्कूल के बैंक खाते में जमा होगा। इसके बाद स्कूल प्रशासन ये रकम इन विद्यार्थियों में बांट देगी। वहीं कुछ स्कूलों के बैंक खाते नहीं होने की बात भी सामने आई है। इस परेशानी से निपटने के लिए बीएमसी ने अधिकारियों को तत्काल स्कूलों के खाते खुलने का निर्देश दिया है। इस मामले में शिक्षा अधिकारी, बीएमसी राजेश कंकाल ने कहा हैं क‍ि छतरी खरीदी के लिए जारी टेंडर को रेस्पान्स नहीं मिलने की वजह से बीएमसी ने छात्रों को छतरी का पैसा देने का फैसला किया है।