
Passport Racket Case: सीबीआई ने पासपोर्ट बनाने में कथित भ्रष्टाचार के मामले में अपनी जांच तेज कर दी है। इस मामले में सीबीआई ने पासपोर्ट सेवा केंद्रों (पीएसके) के पासपोर्ट सहायकों, वरिष्ठ पासपोर्ट सहायकों और कई एजेंटों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 30 जून और 1 जुलाई को मुंबई स्थित एक और पासपोर्ट एजेंट के कार्यालय और आवास पर छापेमारी की। तलाशी के दौरान सीबीआई अधिकारियों ने लगभग 1.59 करोड़ रुपये नकद मिले। अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में पांच डायरियां और डिजिटल गैजेट भी बरामद हुए हैं, जिनकी जांच की जा रही है।
सीबीआई ने यह छापेमारी पिछले हफ्ते पकड़े गए इस बड़े घोटाले की जांच के सिलसिले में की है। इससे पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ने मुंबई और नासिक में 33 स्थानों पर छापेमारी की थी। अधिकारियों ने बताया कि रिश्वत लेकर पासपोर्ट जारी करने के आरोप में 32 लोगों के खिलाफ कुल 12 मामले दर्ज किए थे।
सीबीआई के मुताबिक, इस मामले में लोअर परेल और मलाड में पासपोर्ट सेवा केंद्रों (PSKs) के 14 अधिकारी और 18 पासपोर्ट सुविधा एजेंट शामिल है। आरोप है कि क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय (आरपीओ) मुंबई के तहत काम करने वाले पीएसके में तैनात अधिकारियों ने एजेंटों के साथ मिलीभगत से भ्रष्टाचार किया है।
केंद्रीय जांच एजेंसी ने बताया कि दस्तावेजों, सोशल मीडिया चैट और संदिग्धों के यूपीआई आईडी की छानबीन के दौरान पीएसके के कुछ अधिकारियों के संदिग्ध लेनदेन का पता चला है। आरोपी अधिकारियों ने विभिन्न पासपोर्ट एजेंटों की मिलीभगत से लाखों रुपये की रिश्वत ली है। मामले की जांच चल रही है।
कथित तौर पर रिश्वतखोरी में शामिल अधिकारी पासपोर्ट एजेंटों के साथ लगातार संपर्क में थे और अपर्याप्त व अपूर्ण दस्तावेज होने पर भी पासपोर्ट जारी करते थे। इसके अलावा एजेंटों से सांठ-गांठ से पासपोर्ट आवेदकों के व्यक्तिगत विवरण में हेरफेर करके भी पासपोर्ट बनाये जाते थे। साथ ही नकली या जाली दस्तावेजों के आधार पर भी पासपोर्ट जारी किये गए।
Updated on:
02 Jul 2024 08:22 pm
Published on:
02 Jul 2024 08:14 pm
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