
Ravana Puja In Maharastra : महाराष्ट्र के इस गांव को धन-धान्य से भर दिया रावण ने
मुंबई. अकोला के संगोला गांव के निवासी रावण की पूजा करते हैं। यह परंपरा करीब दो सौ वर्षों से चली आ रही है। देश भर में जहां रावण के पुतले जलाए जाते हैं, वहीं इस गांव में रावण की पूजा उसकी बौद्धिक क्षमता और तपस्वी गुणों के कारण की जाती है। ग्रामीणों की यह भी मान्यता है कि उनके गांव को रावण ने ही धन-धान्य से भर दिया है, यहां कभी किसी कमी नहीं रहती है।
विजयादशमी का पर्व रावण पर राम और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। संगोला गांव में रावण की काले पत्थर की विशाल प्रतिमा स्थापित है। इसके 10 सिर और 20 हाथ है। स्थानीय निवासियों के अनुसार देश में रावण को बुराई का प्रतीत मानते हैं, लेकिन उनके लिए तो रावण एक अद्वितीय विद्धान था। ग्रामीणों का कहना है कि कई पीढिय़ों से लोग उनके गांव में इस प्राचीन प्रतिमा की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि उनकी कई पीढिय़ां बौद्धिक क्षमता और तपस्वी गुणों के लिए दशानन की पूजा करती आ रही हैं। गांव वालों की मान्यता है कि रावण ने सीता का अपहरण राजनैतिक कारणों से किया था और उसने सीता का शीलभंग नहीं किया था।
लोगों का कहना है कि राम के अलावा रावण के प्रति भी उनकी गहरी श्रद्धा है, इसलिए वे उसका पुतला नहीं जलाते। गांव में सुख, समृद्धि और शांति महान राजा रावण के कारण ही है। ग्रामीण कहते हैं कि सभी रावण से डरते हैं, लेकिन हमारे गांव में उसकी पूजा की जाती है। दशहरे पर दूर-दूर से लोग रावण की प्रतिमा देखने आते हंै।
Published on:
08 Oct 2019 05:12 pm
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