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मुंबई

इसलिए चलाया जा रहा वसूली अभियान, Mhada ने ट्रांजिट कैंपों को लेकर कसी कमर ?

ट्रांजिट कैंपों ( Transit Camps ) से किराया वसूली ( Fare Recovery ) का अभियान शुरू, म्हाडा ( Mhada ) के रिपेयर बोर्ड ( Repair Board ) की ओर से कार्रवाई ( Action ), शिविरों में भी जागरूकता ( Awareness ) फैलाने का काम शुरू, ऑनलाइन ( OnLine ) और ऑफलाइन ( OffLine ) दोनों तरह से किराए की वसूली पर जोर

मुंबईDec 25, 2019 / 11:39 am

Rohit Tiwari

इसलिए चलाया जा रहा वसूली अभियान, Mhada ने ट्रांजिट कैंपों को लेकर कसी कमर ?

इसलिए चलाया जा रहा वसूली अभियान, Mhada ने ट्रांजिट कैंपों को लेकर कसी कमर ?

रोहित के. तिवारी
मुंबई. म्हाडा के ट्रांजिट कैंपों में जैसे-जैसे किराए के संग्रह का सवाल गंभीर हो रहा है, वैसे ही म्हाडा ने मुंबई के सभी ट्रांजिट कैंपों से किराया वसूली का अभियान शुरू कर दिया है। इसके लिए शिविरों में भी जागरूकता फैलाने का काम किया जा रहा है। वहीं इस जानकारी को अधिकतम नागरिकों तक फैलाने के लिए कई विज्ञापन विकल्पों का उपयोग किया जाएगा। म्हाडा के मुंबई रिपेयर बोर्ड ने ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से किराए की वसूली पर जोर दिया है। म्हाडा ने कहा है कि इस काम के लिए 20 शिविरों में सुविधाएं दी जाएंगी। इस केंद्र पर कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्शन आदि से ऑनलाइन सिस्टम की मदद से किराया वसूल किया जाएगा। पहली बार सभी निवासियों को किराए भरने के लिए जानकारी दी जाएगी। हालांकि किराए का भुगतान नहीं करने वालों के खिलाफ म्हाडा की ओर से कार्रवाई की जाएगी।

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ट्रांजिट कैम्प में लगभग 22 हजार परिवार…
विदित हो कि म्हाडा के तहत सभी शिविरों के किरायेदारों कीओर से इस वित्तीय वर्ष में 145 करोड़ रुपये वसूले जाने का लक्ष्य रखा है। म्हाडा के मुंबई सुधार और पुनर्निर्माण बोर्ड कीओर से एक आपातकालीन व्यवस्था के तहत ट्रांजिट कैम्पों की व्यवस्था की जाती है। आम तौर पर पुराने, पुनर्विकसित इमारतों के निवासियों को ट्रांजिट कैम्प में आवास दिया जाता है। वर्तमान में, इन शिविरों में परिवारों की संख्या लगभग 22 हजार तक है, जबकि म्हाडा के रिकॉर्ड के अनुसार, घुसपैठियों की संख्या साढ़े आठ हजार बताई जाती है।

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सायन-प्रतीक्षानगर में मिला अच्छा प्रतिसाद…
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन युति सरकार ने घुसपैठियों को आधिकारिक दर्जा देने के साथ ही अब उनके किराये का मुद्दा भी प्रमुख हो गया है। म्हाडा ने इन सभी शिविरों में मासिक किराया ठीक से प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन के विकल्प को अपनाया है। इसमें प्रायोगिक आधार पर सायन-प्रतीक्षानगर में ट्रांजिट कैंप में एक ऑनलाइन प्रणाली को अपनाया गया था, जहां से अच्छा प्रतिसाद मिला और इससे म्हाडा का उत्साह बढ़ा है। इसलिए अब सभी म्हाडा ट्रांजिट कैंपों को ऑनलाइन पद्धति से किराया वसूलने का फैसला किया गया है।

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रहिवासियों को होगी आसानी…
पिछले काफी दिनों से देखने में आ रहा है कि ट्रांजिट कैम्पों के निवासियों ने अपने घरों का मामूली किराया भरना भी मुनासिब नहीं समझा, जिसके चलते अब निवासियों का म्हाडा पर करोड़ों रुपए बाकी पड़े हैं। इसलिए वसूली को लेकर म्हाडा की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इससे बगैर किसी दिक्कत से ट्रांजिट कैम्प रहिवासी अपना किराया आसानी से भर सकेंगे।
– विनोद घोसालकर, अध्यक्ष, रिपेयर बोर्ड

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