ट्रांजिट कैंपों में रहने वालों की होगी डिजिटल जानकारी
MHADA के निवासियों को मिलेगी बड़ी राहत, लिया गया ये बड़ा निर्णय ?
ट्रांजिट कैम्प में लगभग 22 हजार परिवार…
विदित हो कि म्हाडा के तहत सभी शिविरों के किरायेदारों कीओर से इस वित्तीय वर्ष में 145 करोड़ रुपये वसूले जाने का लक्ष्य रखा है। म्हाडा के मुंबई सुधार और पुनर्निर्माण बोर्ड कीओर से एक आपातकालीन व्यवस्था के तहत ट्रांजिट कैम्पों की व्यवस्था की जाती है। आम तौर पर पुराने, पुनर्विकसित इमारतों के निवासियों को ट्रांजिट कैम्प में आवास दिया जाता है। वर्तमान में, इन शिविरों में परिवारों की संख्या लगभग 22 हजार तक है, जबकि म्हाडा के रिकॉर्ड के अनुसार, घुसपैठियों की संख्या साढ़े आठ हजार बताई जाती है।
म्हाडा के ट्रांजिट कैंप पहुंचे बीडीडी चॉल के 146 टेनेंट
डेवलपर्स ही म्हाडा को लगा रहे करोड़ों की चपत
सायन-प्रतीक्षानगर में मिला अच्छा प्रतिसाद…
उल्लेखनीय है कि तत्कालीन युति सरकार ने घुसपैठियों को आधिकारिक दर्जा देने के साथ ही अब उनके किराये का मुद्दा भी प्रमुख हो गया है। म्हाडा ने इन सभी शिविरों में मासिक किराया ठीक से प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन के विकल्प को अपनाया है। इसमें प्रायोगिक आधार पर सायन-प्रतीक्षानगर में ट्रांजिट कैंप में एक ऑनलाइन प्रणाली को अपनाया गया था, जहां से अच्छा प्रतिसाद मिला और इससे म्हाडा का उत्साह बढ़ा है। इसलिए अब सभी म्हाडा ट्रांजिट कैंपों को ऑनलाइन पद्धति से किराया वसूलने का फैसला किया गया है।
आखिर क्यों सक्रिय हैं म्हाडा ट्रांजिट रूम माफिया ?
रहिवासियों को होगी आसानी…
पिछले काफी दिनों से देखने में आ रहा है कि ट्रांजिट कैम्पों के निवासियों ने अपने घरों का मामूली किराया भरना भी मुनासिब नहीं समझा, जिसके चलते अब निवासियों का म्हाडा पर करोड़ों रुपए बाकी पड़े हैं। इसलिए वसूली को लेकर म्हाडा की ओर से अभियान चलाया जा रहा है। इससे बगैर किसी दिक्कत से ट्रांजिट कैम्प रहिवासी अपना किराया आसानी से भर सकेंगे।
– विनोद घोसालकर, अध्यक्ष, रिपेयर बोर्ड