scriptआखिर क्यों सक्रिय हैं म्हाडा ट्रांजिट रूम माफिया ? | Mhada Mumbai: Officers unable to take action, why Room Mafia is active | Patrika News

आखिर क्यों सक्रिय हैं म्हाडा ट्रांजिट रूम माफिया ?

locationमुंबईPublished: Sep 29, 2019 12:57:53 pm

Submitted by:

Rohit Tiwari

कार्रवाई ( Action ) करने में असमर्थ ( Unable ) म्हाडा अधिकारी ( Mhada Officer ), ट्रांजिट रूम ( Tranjit Room ) माफियाओं की बढ़ रही सक्रियता, मुख्याधिकारी ( Head Officer ) ने 5 दिन में मांगी रिपोर्ट, लेकिन 35 दीन बाद भी नहीं दी गई पूरी जानकारी ( complete information ), ट्रांजिट घूसखोरों पर जल्द होगी कार्रवाई – विनोद घोसालकर ( Vinod Ghosalkar )

आखिर क्यों सक्रिय हैं म्हाडा ट्रांजिट रूम माफिया ?

आखिर क्यों सक्रिय हैं म्हाडा ट्रांजिट रूम माफिया ?

रोहित के. तिवारी
मुंबई. मुलुंड पूर्व के रिहायसी क्षेत्र गवनपाड़ा स्थित पीएमजीपी म्हाडा ट्रांजिट कॉलोनी में रूम माफिया के कब्जे को खाली कराने के लिए म्हाडा अधिकारी भी नाकाम साबित हो रहे हैं। घूसखोरों का इतना दबदबा है कि अधिकारी पुलिस में कम्प्लेन देने से भी डरते हैं कि कहीं उनके साथ कोई अनहोनी न हो जाए। सर्वे नंबर 113, सीटीएस नं 356 में म्हाडा की जमीन पर कुल 11 ट्रांजिट बिल्डिंग बनाई गईं, जिसमें लगभग 416 फ्लैट हैं। यह लगभग 185 से 225 स्क्वायर फुट एरिया का फ्लैट है। कैम्प म्हाडा तरफ से सबसे पहले कुल 224 लोगों को वैध रूप से ट्रांजिट किया गया था और बाद में चेंबूर के 13 लोगों को ट्रांजिट बिल्डिंग नंबर 107 में शिफ्ट किया गया। नियम के हिसाब से कुल म्हाडा के पास 179 फ्लैटों का चाभी होना चाहिए, लेकिन म्हाडा के पास न तो एक भी फ्लैट है और न ही किसी भी आवास की चाभियां इस्टेट अधिकारियों के पास हैं।
गाली-गलौज पर उतारू हो जाते हैं दलाल…
विदित हो कि पिछले कई वर्षों से लगभग 179 रूम खाली पड़े हैं, जिनमें बड़ी संख्या में लोग बिना किसी अलॉटमेंट के रह रहें हैं। स्थानीय वासियों का कहना है कि इन बिल्डिंगों में बिना किसी दस्तावेज माफियाओं को मोटी रकम देकर लोग रहते हैं। स्थानिकों की माने तो ट्रांजिट में कुल 7 दलाल मुख्य रूप से सक्रिय हैं। अधिकारीयों को माफिया दर महीने उनका हिस्सा पहुंचा देते हैं, जिससे ऊपरी दबाव नहीं बनता। लेकिन जब किसी भी प्रकार का ऊपर के वरिष्ठ अधिकारियों का दबाव पड़ता है तो इस्टेट व अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर दलाल गाली-गलौज कर रूम न खाली करने को लेकर मारपीट पर उतारू हो जाते हैं।
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कैसे खत्म होगा माफियाओं के आतंक…
उल्लेखनीय है कि आरआर बोर्ड के अध्यक्ष विनोद घोसालकर ने 25 अगस्त 2019 को 5 दिनों में आरआर बोर्ड के अधिकारियों से गवनपाड़ा ट्रांजिट कैंप की पूरी रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन अधिकारियों की लापरवाही के चलते 35 दिन बीत जाने के बाद भी ट्रांजिट कैंप की जानकारी अध्यक्ष के पास नहीं पहुंची। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि जब अधिकारी अध्यक्ष की बात नहीं सुन रहे हैं तो आखिर आम आदमी व शिकायतकर्ताओं की बात कैसे सुनी जाएगी? आखिर कैसे ट्रांजिट कैंप से रूम माफिया का आतंक खत्म होगा?
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मांगी गई विस्तृत रिपोर्ट…
हमने रिपोर्ट मंगाई है, लेकिन किन्हीं कारणों से अधिकारी अभी तक दे नहीं पाए हैं। पूरी अपडेटेड रिपोर्ट जैसे ही हमारे हाथ आएगा, हम जल्द से जल्द उच्च स्तरीय कार्रवाई करेंगे और अवैध कब्जेदारों व रूम माफियाओं को बाहर निकाला जाएगा। इस गंभीर मामले पर संबंधित अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
– विनोद घोसालकर, अध्यक्ष, रिपेयरिंग बोर्ड, म्हाडा
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पुलिस स्टेशन नहीं जाते अधिकारी…
कुछ दिनों पहले हमने साइड विजिट किया था, लेकिन वहां पर विजिट में आए म्हाडा के अधिकारियों को गिने-चुने रूम माफिया गिरोह ने घेर लिया और कार्रवाई न करने का दबाव डाला। यह सब हमारी आंखों के सामने ही घटित हुआ, लेकिन म्हाडा अधिकारी न जाने किन कारणों से पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज नहीं कराते हैं।
– रजनी केणी, स्थानीय नगर सेविका
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