विदित हो कि विभागाध्यक्ष प्रसाद कुलापकर ने म्हाडा के मुख्य अधिकारी समेत मुंबई इमारत रिपेयर बोर्ड के कार्यकारी अभियंता को लिखित रूप से निवेदन करते हुए कहा है कि उपरोक्त मामले में स्वयं मैंने आपके विभाग के सभी अधिकारियों को इस बारे में शिकायत की थी, लेकिन अब तक उसमें किसी भी तरह की कोई करवाई नहीं की गई। इसलिए अन्य व दूसरे घूसखोरों को बढ़ावा मिलता गया और इस तरह के घोटाले घटते गए। ट्रांजिट कैंप में लोगों के नकली दस्तावेज के बल पर घूसखोर और दलाल रह रहे हैं। यह उनके एलॉटमेंट लेटर देखकर ही पता चलता है। ऐसे संशयास्पद घरों में रहने और गैर व्यवहार करने में म्हाडा रिपेयर बोर्ड के रेट कलेक्टर उनकी मदद कर रहे हैं। क्योंकि रेट कलेक्टर पुनर्विकास के जो महामंडल में थे, उनका स्थानांतरण मंत्रालय में होने के बावजूद वे दलालों को फायदा पहुंचाने का काम कर रहे हैं। दलाल व घूसखोरों से मिलकर अलॉटमेंट लेटर पर हस्ताक्षर कर स्वयं ही खोली क्रमांक डालकर उनकी धड़ल्ले से सहायता की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि घूसखोरी करने वाले कौन हैं और कहां से आए, वहां रह रहे लोगों को मालूम नहीं पड़ता। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से यह अत्यंत धोकादायक भी हो सकता है। अंततः जितनी जल्दी हो सके, उतनी जल्दी कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए। संबंधित दलाल व उनकी मदद करने वाले सभी अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए। अगर अगले आठ दिनों में प्रशासन किसी भी तरह की कोई कार्रवाई नहीं करता है तो मनसे जन आंदोलन छेड़ सकता है। जबकि किसी भी अप्रिय घटना के घटित होने पर म्हाडा प्रशासन पर इसकी पूर्ण रूप से जिम्मेदारी होगी। इससे संबंधित प्रकरण के दस्तावेज अधिकारी को भेजे जा चुके हैं।
यह बहुत ही गंभीर मामला है राजनीतिक पार्टी की ओर से म्हाडा को प्राप्त हुए पत्र पर प्राथमिकता के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी। जबकि घूसखोर और दलालों पर नकेल कसने के लिए म्हाडा हर संभव प्रयास के लिए तत्पर रहती है। साथ ही दोषी पाए गए लोगों पर भी कार्रवाई होगी।
– सतीश लोखंडे, सीओ, आरआर बोर्ड, म्हाडा