विदित हो कि इस गंभीर विषय पर मुंबई के सभी पार्टी विधायकों ने मुंबई के बांद्रा में म्हाडा मुख्यालय में एक बैठक की और मांग की कि ट्रांजिट कैंपों की मरम्मत के लिए धन उपलब्ध कराया जाए। राज्य सरकार ने पुराने भवनों की मरम्मत के लिए 200 करोड़ की मांग के बाद म्हाडा को 100 करोड़ की धनराशि उपलब्ध कराई। चूंकि म्हाडा की ओर से मुंबई बिल्डिंग रिपेयर्स एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड को 15 करोड़ रुपये की धनराशि प्रदान की गई है, इसलिए संक्रमण शिविर में हजारों गालों की मरम्मत का सवाल हल हो सकेगा। इससे निवासियों को आराम मिलने की संभावना है।
उल्लेखनीय है कि मुंबई में उपलब्ध ट्रांजिट कैंपों में 8 हजार 448 लोग अयोग्य या अनधिकृत निवासी रह रहे हैं, जिनमें से कुछ 40 से अधिक वर्षों से वहां रह रहे हैं। ट्रांजिट शिविरों की मरम्मत के लिए उपलब्ध धन के साथ इन सभी निवासियों के लिए आवास का सवाल अब साफ होगा। धन की कमी के कारण शिविरों में भवनों के निर्माण में जहां दाग लग गय रहा था, वहीं रिसाव, प्लास्टर, पेंट का काम जैसे काम पूरे किए जा सकेंगे। प्राधिकरण की एक बैठक में मुंबई बिल्डिंग रिपेयर्स एंड रिकंस्ट्रक्शन बोर्ड के अध्यक्ष विनोद घोसालकर की ओर से बार-बार सवाल उठाए जाने पर 15 करोड़ रुपये की धनराशि जुटाई जा सकी है। उन्होंने कहा कि इस निधि का इस्तेमाल मुंबई के उपनगरीय इलाकों में लगभग 10 ट्रांजिट शिविरों की मरम्मत के लिए किया जाएगा।
– मागाठाणे के ट्रांजिट कैम्प – 50 लाख
– प्रतीक्षा नगर , सायन के ट्रांजिट कैम्प – 07 करोड़
– पेरू कंपाउंड परेल के ट्रांजिट कैम्प – 60 लाख
– ज्ञानेश्वर नगर के ट्रांजिट कैम्प – 25 लाख
– कन्नमवार नगर विक्रोली के ट्रांजिट कैम्प – 04 करोड़
– सुभाषनगर चेंबूर के ट्रांजिट कैम्प – 1.5 करोड़
– चूना भट्टी के ट्रांजिट कैम्प – 25 लाख
– मोतीलाल नगर के ट्रांजिट कैम्प – 25 लाख
– धारावी के ट्रांजिट कैम्प – 1.8 करोड़
मुंबई में बड़ी संख्या में पुरानी म्हाडा इमारतें हैं और मानसून के दौरान इन इमारतों की छतों से रिसाव को रोकने के लिए यहां वाटर प्रूफिंग भी की जाती है। इसके बाद भी रिसाव बंद नहीं होता है। वहीं यह समस्या सामने अतर ही इमारतों के नुकसान को रोकने के लिए म्हाडा के मरम्मत बोर्ड ने हरी झंडी दे दी है। हालांकि धन की कमी के कारण यह योजना पिछले साल लागू नहीं की जा सकी। वहीं अब 5 करोड़ रुपये शेड के लिए उपलब्ध कराए गए हैं। अब नगरपालिका की अनुमति के बाद टेंडर प्रक्रिया के लिए छत शेड के निर्माण को मंजूरी दी जाएगी।
– विनोद घोसालकर, अध्यक्ष, मरम्मत बोर्ड, म्हाडा मुंबई