
ट्रांजिट कैंपों में रहने वालों की होगी डिजिटल जानकारी
मुंबई. महाराष्ट्र आवास और क्षेत्रीय विकास प्राधिकरण (म्हाडा) के महामुंबई में 56 ट्रंसिट कैम्प हैं। मूल किरायेदारों में से कितने लोगों ने घर बेचा है, यह पता लगाने के लिए पहली बार म्हाडा इन ट्रंजिट कैपं का बायोमेट्रिक सर्वेक्षण करेगी। हालांकि वर्तमान में रहने वाले परिवार वैध हैं या नहीं, साथ ही ऐसे मूल किरायेदार जिन्होंने म्हाडा से बिना विचार-विमर्श किए अपने मकान बेच दिए, ऐसे लोगों के खिलाफ म्हाडा ने कानूनी कार्रवाई करने का फैसला किया है। वर्तमान में म्हाडा के पास कोई डिजिटल जानकारी या संक्रमण शिविरों का डेटा उपलब्ध नहीं है। इसलिए इसका निदान के लिए इस सर्वेक्षण से कम्प्यूटरीकृत जानकारी उपलब्ध होगी। बायोमेट्रिक सर्वे करवाते समय किराऐदार की उंगलियों के निशान भी लिए जाएंगे।
मंत्रिमंडल की बैठक में होगा फैसला...
विदित हो कि इस सर्वेक्षण से यह जानकारी एकत्र होगी कि मूल मालिक कौन हैं और किसने किराऐदार को रखा हैं। म्हाडा की इमारतों का पुनर्विकास करने को लेकर प्रवासी परिवारों को अस्थायी आवास प्रदान करने के लिए संक्रमण शिविर लगाए गए हैं। कैबिनेट की बैठक में उन नागरिकों को अनुमति देने के लिए जो अवैध तरीके से वर्तमान में ट्रांजिट कैंपों में रह रहे हैं। उन्हें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर देने या न देने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में लिया जाएगा।
चर्चा का विषय बना सॉफ्टवेयर...
मुंबई में 56 संक्रमण शिविरों में रहने वाले 21 हजार 135 परिवार हैं। यह अनुमान है कि उनमें से लगभग 8 हजार 500 अवैध रूप से रह रहे हैं। यह जानकारी एकत्र करने के लिए म्हाडा की ओर से सॉफ्टवेयर तैयार किया जा रहा है। सॉफ्टवेयर चार से पांच सप्ताह में तैयार हो जाएगा, जिसके बाद इसका परीक्षण किया जाएगा। म्हाडा के रिपेयर बोर्ड के अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। वहीं इस सॉफ्टवेयर को लेकर स्लम पुनर्गठन प्राधिकरण (एसआरए) के अधिकारियों के बीच इस सॉफ्टवेयर का उपयोग चर्चा का विषय बना हुआ है।
Published on:
21 Aug 2019 09:19 am
बड़ी खबरें
View Allमुंबई
महाराष्ट्र न्यूज़
ट्रेंडिंग
