
हाइवे पर आवाज ने बांटे चप्पल
मुंबई. बिना चप्पल या टूटी हुई चप्पल पहनकर हजारों किलोमीटर की दूरी नापने निकले लगभग 100 मजदूरों को आवाज फाउंडेशन ने मंगलवार को चप्पल बांटे। चप्पल पहने समय मजदूरों की आंखें नम हो गईं। अभी भी हाइवे पर मजदूरों को रेला गुजर रहा है। हजारों किमी का सफर करने का जज्बा लिए लोग नंगे पैर भी निकल पड़े हैं।
बता दें कि लॉक डाउन के पहले दिन से आवाज फाउंडेशन की फाउंडर सुषमा मौर्य रोज दो से तीन हजार लोगों को भोजन करा रही हैं। शुरूआती 10 दिनों तक सुषमा ने बिना किसी मदद के अपनी जेब से लोगों को भोजन कराया।
इसके बाद लोग आगे आए और उनका काम बढ़ता गया। सुबह घर के सारे काम निपटाने के बाद आठ बजे वे घर से निकल पड़तीं हैं, और शाम के पांच बजे तक वे लोगों की सेवा में लगीं रहतीं हैं।
सुषमा ने बताया कि सोमवार को मैंने इस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे पर बिना चप्पल के लोगों को घर जाते हुए देखा। कड़ी धूप में हजारों किमी के सफर पर निकले लोगों के खाली पैर देख मैं दंग रह गईं।
इसके बाद हमने तय किया कि जिन लोगों के पास चप्पल नहीं है, या जिनकी चप्पलें टूटीं हुईं हैं। हम उन्हें चप्पल देंगे। अब हम रोज हाइवे से गुजरने वाले लोगों को चप्पल देेने की योजना पर काम कर रहे हैं।
Updated on:
12 May 2020 08:07 pm
Published on:
12 May 2020 08:03 pm
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