
CM Devendra Fadnavis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में पूजा स्थलों का दौरा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि पूजा स्थलों पर लाउडस्पीकरों के लिए दिशानिर्देशों का पालन किया जा रहा है। फडणवीस ने राज्य विधानसभा में कहा, "पूजा स्थलों पर लाउडस्पीकर के लिए केंद्र और अदालत के दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाना चाहिए। नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।" उन्होंने कहा, "रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। सुबह के समय लाउडस्पीकर के लिए स्वीकार्य शोर सीमा 55 डेसिबल है, जबकि रात में यह 45 डेसिबल है।"
दरअसल, भाजपा विधायक देवयानी फरांडे ने महाराष्ट्र विधानसभा में मस्जिदों में लाउडस्पीकरों का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा "लाउडस्पीकरों के कारण ध्वनि प्रदूषण एक खतरा बन गया है। मस्जिदों में लाउडस्पीकर बहुत तेज़ आवाज़ में बजते हैं, जिससे लोगों को असुविधा होती है। वे बहुत तेज़ आवाज़ में बजते हैं।" भाजपा विधायक ने आरोप लगाया कि नियमों का उल्लंघन करते हुए लोगों को संबोधित करने के लिए भी अक्सर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है। इस दौरान उन्होंने उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की कार्रवाई का जिक्र भी किया।
भाजपा विधायक देवयानी फरांडे ने आगे कहा "जब उत्तर प्रदेश में इसी तरह का मामला सामने आया, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर पर प्रतिबंध लगा दिया। क्या महाराष्ट्र सरकार यहां भी यही नीति अपनाएगी?" इसपर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि संबंधित पुलिस अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में पूजा स्थलों का दौरा करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इन दिशा-निर्देशों का पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि जिन मामलों में उल्लंघन पाया जाता है, उन्हें तुरंत महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को सूचित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कार्रवाई के बाद भी अगर नियमों का पालन नहीं किया जाता है, तो उस विशेष पूजा स्थल पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की अनुमति हमेशा के लिए बंद कर दी जाएगी।
फडणवीस ने कहा, "कई बार लाउडस्पीकरों का लंबे समय तक इस्तेमाल करने के लिए विशेष अनुमति दी जाती है। लेकिन यह केवल निर्धारित अवधि के लिए ही होता है। हर बार जब लाउडस्पीकर का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसके लिए पुलिस स्टेशन से अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, हर पुलिस स्टेशन में शोर मीटर होते हैं, जिससे डेसिबल के स्तर का पता लगाया जा सके और कार्रवाई की जा सके।" उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में लाउडस्पीकर नियमों का उल्लंघन करते पाए गए, वहां कार्रवाई न करने के लिए स्थानीय पुलिस निरीक्षक को जिम्मेदार ठहराया जाएगा।
Updated on:
11 Mar 2025 09:17 pm
Published on:
11 Mar 2025 05:56 pm
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