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इन योजनाओं से विदेश में पढ़ाई का सपना कर सकते हैं पूरा
राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति, राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति, पढ़ो परदेस, यूजीसी की छात्रवृत्ति और सांस्कृतिक और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम छात्रवृत्ति के माध्यम से आप विदेश में पढ़ाई करने के सपने को पूरा किया जा सकता है। यह सभी योजनाए मोदी सरकार की ओर से अल्पसंख्यकों, एससी-एसटी छात्रों की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए शुरू की गई हैं। इन योजनाओं का फायदा लेने के लिए आपको नियमों ओर शर्तों का भी पालन करना होगा। इन्हें पूरा किए बिना आप इन योजनाओं का लाभ नहीं ले सकते हैं।
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इन शर्तों का पालन करना है जरूरी
– राष्ट्रीय विदेशी छात्रवृत्ति योजना का फायदा केवल एससी और घुमंतू जाति के छात्र ही ले सकते हैं। यह योजना सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अधीन है।
– जनजातियों मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली राष्ट्रीय प्रवासी छात्रवृत्ति योजना से केवल एसटी कैटेगरी के छात्र फायदा ले सकते हैं।
– ‘पढ़ो परदेस छात्रवृत्ति योजना’ अल्पसंख्यक मंत्रालय संभालता है। मंत्रालय के नाम से ही साबित होता है कि इस योजना का लाभ अल्पसंख्यक छात्र उठा सकते हैं।
– यूजीसी और हंगरी सरकार मिल कर एक कार्यक्रम चलाते हैं, जिससे सालाना 200 छात्रों को विदेश में पढ़ाई का मौका मिलता है।
– सांस्कृतिक और शैक्षिक विनिमय कार्यक्रम में योग्यता के आधार पर चुन कर छात्रों को विदेश में पढ़ाई के लिए भेजा जाता है।
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ऐसे किया जा सकता है इन योजनाओं में आवेदन
इन योजनाओं का लाभ लेने के लिए आपको आवेदन करना होगा, जिसके तहत पहचान पत्र, फोटो, आपकी एजुकेशन के सर्टिफिकेट, एग्जाम माक्र्स शामिल हैं। आपको यह सभी डॉक्युमेंट और जानकारी आपको आवेदन फॉर्म के साथ जमा करानी होंगी। सबसे बड़ी तो यह है कि आवेदन करने वाले परिवार की सालाना इनकम 8 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इस योजना का लाभ एक परिवार से एक ही व्यक्ति को लाभ मिल सकता है। साथ ही आपको उक्त विदेशी यूनिवर्सिटी में एंट्रेंस एग्जाम भी पास करना होगा।