
म्यूचुअल फंड जो आपको करोड़पति बनाने की ताकत रखता है। वैल्यू निवेश के लिए धैर्य की जरूरत होती है, क्योंकि पूरा लाभ प्राप्त होने में समय लग सकता है। वैल्यू डिस्कवरी फंड में 20 साल पहले किया गया 10 लाख रुपए का निवेश अब 4.50 करोड़ रुपए बन गया है। यानी चक्रवृद्धि दर (सीएजीआर) रिटर्न 21 फीसदी से ज्यादा रहा है, जबकि इसी अवधि में निफ्टी में यही रकम केवल 2 करोड़ रुपए हुई है। यानी निफ्टी से दोगुना का ज्यादा फायदा इस फंड ने दिया है। निफ्टी का सीएजीआर 16 फीसदी रहा है। डिस्कवरी फंड की यात्रा ने दिखाया है कि वैल्यू निवेश दृष्टिकोण भारतीय बाजार में भी प्रभावी है। इस स्कीम ने धैर्यवान निवेशकों को लंबे समय में धन हासिल करने में लगातार मदद की है। 2004 में जब वैल्यू डिस्कवरी फंड आया, तो इस बात पर संदेह था कि क्या भारत जैसे विकास बाजार में वैल्यू निवेश बढ़ सकता है। वैल्यू निवेश, जो अमेरिका जैसी अन्य विकास अर्थव्यवस्थाओं में सफल साबित हुआ था, यहां भी अपनी जगह बनाएगा।
विकसित बाजारों में काम करता है वैल्यू निवेश
वैल्यू निवेश विकसित बाजारों में काम कर सकता है, जबकि खराब प्रदर्शन वाले चरण जैसे कि मई 2006 से फरवरी 2009 के बीच और फिर 2016 से 2018 तक दीर्घकालिक परिणाम वैल्यू निवेश की स्थायी ताकत को दिखाते हैं। आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एएमसी के एमडी निमेश शाह ने कहा कि हमें विश्वास है कि रुक-रुक कर आने वाले खराब चरणों के बावजूद वैल्यू निवेश की लंबी संभावनाएं मजबूत हैं। इस फंड में अगर एसआईपी के निवेश को देखें तो इसने भी कमाल का फायदा दिया है। अर्थलाभ डॉटकॉम के मुताबिक, फंड की शुरुआत से एसआईपी के माध्यम से 10,000 रुपए का मासिक निवेश 31 जुलाई तक 2.30 करोड़ रुपए हो गया है, जबकि वास्तविक निवेश केवल 24 लाख रुपए रहा है। यानी 19.41 प्रतिशत का सीएजीआर रिटर्न मिला है। निफ्टी 50 टीआरआई में समान निवेश से केवल 14.21 प्रतिशत का सीएजीआर फायदा मिला है। अर्थलाभ डॉटकॉम के आंकड़े बताते हैं कि इसका एसेट मैनेजमेंट यानी एयूएम 48,806 करोड़ रुपए है। यानी म्यूचुअल फंड की वैल्यू कैटेगरी में कुल एयूएम का अकेले करीब 26 प्रतिशत एसेट्स इसके पास ही है।
Updated on:
04 Sept 2024 01:05 am
Published on:
04 Sept 2024 01:04 am
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