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अगर कोरोना वायरस महामारी घोषित हो गई तो इरडा का सर्कूलर नहीं आएगा काम!

इरडा ने बीमा कंपनियों को सर्कूलर किया जारी, कोरोना मरीजों के लिए जल्द बनाई जाए पॉलिसी इरडा बीमा कंपनियों को जारी किए निर्देश, ऐसे मामलों को जल्द से जल्द निपटाएं जाएं

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Saurabh Sharma

Mar 05, 2020

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Corona patients will not have to pay, insurance companies will bear

नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर इरडा को लेकर सर्कूकर जारी किया गया है कि इंश्योरेंस कंपनियां एक नया प्रोडक्ट लांच करें। ताकि इलाज के खर्च का भार लोगों पर ना पड़ सके, लेकिन इरडा के इस सर्कूलर में कई तर के पेंच फंस गए हैं। जब इंश्योरेंस कंपनियों से इस सर्कूलर को लेकर बात की गई तो उन्होंने इस बारे कई तरह के पेंच फंसे होने की बात कही। उन्होंने कहा कि अगर भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बीमारी को महामारी घोषित कर दिया तो इंश्योरेंस कंपनियां इसका भुगतान नहीं कर पाएंगी। इसका कारण ये है कि इस तरह की बीमारियों के भुगतान का प्रावधान नहीं है।

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क्या कह रही है बीमा कंपनियां
एसबीआई जनरल इंश्योरेंस के हेड सुब्रमण्यम बी ने इरडा के सर्कुलर पर कहा कि कोरोना वायरस के दावों का निपटारा तब ही हो सकता है कि जब पेंशेंट्स को 24 घंटे तक अस्पताल में भर्ती कराया गया हो, ज्यादातर हेल्थ पॉलिसी में उन मरीजों को कवर नहीं किया जाता जो अस्पताल में भर्ती नहीं होते हैं। अगर सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे महामारी घोषित कर दिया जाता है तो बीमा राशि नहीं दी जाएगी, क्योंकि ऐसी बीमारियों को हेल्थ पॉलिसी में कवर नहीं किया जाता है।

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यह दिया है इरडा ने आदेश
इरडा की ओर जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि हेल्थ इंश्योरेंस की जरुरत को पूरा के लिए बीमा कंपनियों को ऐसा प्रोडक्ट तैयार करने को कहा गया है जिसमें कोरोना वायरस के इलाज का खर्च भी कवर किया जा सके। वहीं इरडा की ओर से ऐसे मामलों का जल्द से जल्द से निपटाने निर्देश भी जारी किए हैं। इरडा के अनुसार जिन मामलों में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च के साथ यह भी सुनिश्चित होना काफी जरूरी है कि कोरोना वायरस के मामलों का जल्दी निपटारा भी हो। सर्कूलर के अनुसार कोरोना वायरस के तहत आने वाले सभी दावों को निपटाने से पहले एक रिव्यू कमेटी उन दावों की समीक्ष करेगी। आपको बता दें कि देशभर के 21 एयरपोर्ट पर 6 लाख से अधिक लोगों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। जबकि नेपाल, भूटान और म्यांमार सीमा पर 10 लाख से अधिक की स्क्रीनिंग हुई है।