
india post delivering testing kits and medicines in rural india
नई दिल्ली। भारतीय पोस्टल डिपार्टमेंट के लिए मशहूर है कि जहां कोई नहीं पहुंचता, वहां डाक विभाग का पोस्ट मास्टर पहुंच जाता है। इसलिए आज भी डाक विभाग करोड़ों लोगों के लिए सबसे ज्यादा विश्वास बना हुआ है। वहीं कोरोना के संकट के बीच अब यही डाक विभाग करोड़ों के लिए मसीहा बन गया है। जो देश के लोगों की जान बचाने के लिए दूरदराज इलाकों में कोरोना वायरस टेस्टिंग किट, वेंटिलेटर्स, मास्क और दवाइयां पहुंचा रहा है। इंडियन पोस्टल डिपार्टमेंट देशभर में 1.56 लाख पोस्ट ऑफिस हैं, जिसमें 1.41 पोस्ट ऑफिस गांवों में मौजूइ है। आज वहीं पोस्टल डिपार्टमेंट की लाल वैन लॉकडाउन के दौरान देश में ट्रांसपोर्ट का बड़ा जरिया बन गई हैं।
गांवों में टेक्स किट भेज पोस्टल डिपार्टमेंट
जानकारी के अनुसार बीते सप्ताह कोरोना वायरस किट ड्राई आइस पैक में दिल्ली से रांची के अस्पतालों तक भेजी गईं थी। वेस्ट बंगाल सर्किल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल गौतम भट्टाचार्य के अनुसार अगला दिन रविवार था और सोमवार तक इंतजार करना काफी मुश्किल था, ऐसे में उन्होंने झारखंड पोस्टल सर्किल के सहयोग से आधी रात को अस्पतालों में सामान को डिलीवर कर दिया है। उसके बाद दूसरे दिन 650 किलो की दवाइयां और पीपीई दिल्ली से कोलकाता कार्गो फ्लाइट के जरिए भेजी गई थी। उन्होंने बताया कि 50 से ज्यादा रेज मेल वैन संचालित हैं, जो कोलकाता हब से पश्चिम बंगाल सर्किल के जिलों और दूसरे इलाकों में पीपीई को डिलीवर कर रही हैं।
कर्मचारियों की हो रही है कमी
वेस्ट बंगाल सर्किल के चीफ पोस्ट मास्टर जनरल गौतम भट्टाचार्य के अनुसार उनके पास काफी कम स्टाफ है। करीब 60 फीसदी के स्टाफ के साथ कर रहे हैं, इसका कारण है छोटे पोस्ट ऑफिस बंद होना। वे पार्सल को हेड पोस्ट ऑफिस लाते हैं। उन्होंने कहा बताया कि उनका सारा ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम रेलवे और हवाई यात्रा के बिना काम हो रहा है। उन्होंने यह एक इमरजेंसी काल जैसा समय है, जिसके लिए डिपार्टमेंट पूरी तरह से तैयार है। डिपार्टमेंट के लिए यह नई चुनौती है। उनके सामने लॉजिस्टिक से जुड़े प्रबंधों को करने की बड़ी चुनौती है।
Updated on:
18 Apr 2020 09:32 am
Published on:
18 Apr 2020 09:31 am
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