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Mutual Fund Investment : इन तरीकों से की जा सकती है ज्यादा कमाई

Published: Apr 19, 2021 12:23:34 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

Mutual Fund Investment शेयर बाजार के जोखिम के अधीन होता है। ऐसे में निवेशकों को काफी सोच समझकर इंवेस्ट करने की जरुरत है। अगर ऐसा नहीं करते हैं तो निवेशकों को नुकसान भी उठाना पड़ सकता है। इसलिए आज हम आपको ऐसे तरीकों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिससे आप ज्यादा कमाई कर सकते हैं।

Mutual Fund Investment: You can earn more through these methods

Mutual Fund Investment: You can earn more through these methods

Mutual Fund Investment। कोरोना काल में Mutual Fund Investment काफी फायदेमंद रहा है। निवेशकों ने इसमें इंवेस्ट करके काफी कमाई भी की है। जानकारों की मानें तो ऐसी सिचुएशन हर बार नहीं रहती है। बाजार में एक बड़ी गिरावट आपके रुपए को डुबा भी सकती है। ऐसे में Mutual Fund Investment करने से पहले काफी बातों का ध्यान रखने की जरुरत है। जिससे आपकी कमाई ज्यादा और नुकसान ना के बराबर हो।

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डायरेक्ट प्लान को करें सलेक्ट
जानकारों की मानें तोक इंवेस्टर्स को म्यूचुअल फंड के रेग्युलर प्लान के बदले डायरेक्ट प्लान में इंवेस्ट करने की जरुरत है। इस पर औरों के मुकाबले 1 से 1.5 फीसदी अधिक कमाई होती है। इसके पीछे का कारण है कि इंवेस्टर्स को डायरेक्ट प्लान में ब्रोकरेज देने की जरुरत नहीं होती है। यह एक प्लान से दूसरे प्लान पर डिपेंड करता है।

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एसआईपी ऑप्शन तलाशें
निवेशकों को म्यूचुआल फंड में एक साथ पूरा रुपया इंवेस्ट करने से बचना चाहिए। जानकारों की मानें तो म्यूचुअल फंड में सिस्टमेटिक इन्वेटसमेंट प्लान यानी एसाआईपी के माध्मयम से छोटे-छोटे इंवेस्टमेंट करने की जरुरत है। इसमें जोखिम भी कम और रिटर्न ज्यादा होता है।

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डायवर्सिफाइ करें अपना इंवेस्टमेंट
म्यूचुअल फंड निवेशकों को अपने पोर्टफोलियों को डायवर्सिफाइ रखना चाहिए। यह जोखिम के स्तर को कम करने में मदद करता है। इंवेस्टर्स को अपनी जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार स्मॉल-कैप, मिड-कैप और लॉर्ज-कैप फंड में निवेश करना चाहिए। निवेशक को अपने फंड का 60 फीसदी स्मॉल-कैप, 20 फीसदी मिड-कैप , 10 फीसदी इंडेक्स फंड और 10 फीसदी लॉर्ज-कैप में निवेश करना चाहिए।

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किसमें करें इंवेस्ट डेट या इक्वटी
जानकारों का मानना है कि निवेशकों को डेट और इक्विटी दोनों में निवेश करने का ऑप्शन खुला रखना खहिए। वैसे उम्र बढऩे के साथ जोखिम लेने की क्षमता कम होती जाती है। ऐसे में निवेशकों को इक्विटी में निवेश से पहले अपनी उम्र को 100 में से घटा लेनी चाहिए। यानी अगर उम्र 30 वर्ष है तो पोर्टफोलियों की 60 फीसदी रकम इक्विटी में इंवेस्ट करना बेहतर है। डेट के मुकाबले इक्विटी हमेशा अधिक रिटर्न देता है लेकिन जोखिम भी ज्यादा होता है।

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