इस योजना का उद्देश्य लड़कियों की शिक्षा को बढ़ावा देने है। ये योजना केवल मुस्लिम अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों के लिए है। क्योंकि देश में मुस्लिम लड़कियों की शिक्षा की स्थिति बहुत ख़राब है। इस योजना का मकसद मुस्लिम लड़कियों और उनके अभिभावकों को इस बात के लिए प्रोत्साहित करना है ताकि लड़कियां विश्वविद्यालय या कॉलेज स्तर की पढ़ाई पूरी कर सकें।इसलिए ही इस कदम को शादी शगुन योजना का नाम दिया गया है।
मुस्लिम समाज के एक बड़े हिस्से में आज भी मुस्लिम बच्चियों को उच्च शिक्षा नहीं मिल पाती है। इसकी एक बड़ी वजह आर्थिक तंगी है। इसी को देखते हुए पीएम मोदी ने 8 अगस्त 2017 को इस योजना की शुरूआत की थी। बता दें कि शादी शगुन योजना की 51 हजार रुपए की राशि ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने वाली उन्हीं मुस्लिम लड़कियों को मिलेगी जिन्होंने स्कूली स्तर पर एमएईएफ की ओर से मिलने वाली छात्रवृत्ति हासिल की होगी। साथ ही लड़की के माता-पिता की सालाना आमदनी दो लाख रुपए से अधिक नहीं होगी। शादी शगुन योजना के बारे में पूरी जानकारी आप केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते है।