
SIP Flow at 18-month low, know how much investment has reduced
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी ( Coronavirus Pandemic ) की वजह से देश में आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह से तहस नहस हो गई हैं। अब छोटे निवेशक भी इसकी आंच का सामना कर रहे हैं। कोरोना वायरस के कारण लोगों की सैलरी में कटौती हुई है। करोड़ों लोग बेरोजगार हो हो गए हैं। कई लोगों को तो समय पर तो क्या वेतन ही नहीं मिल रहा है। इसका जीता जागता सबूत एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंड स्कीमों ( Mutual Fund Scheme ) में घटता निवेश है। बीते 18 महीनों में जून में पहली बार ऐसा हुआ है कि म्यूचुअल फंड का फ्लो ( Mutual Funds Flow ) 8 हजार करोड़ से नीचे आया है। आंकड़ों की मानें तो दिसंबर 2018 से निवेशक हर महीने इसमें 8000 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा निवेश कर रहे थे। लेकिन जून में एसआईपी ( SIP ) के जरिए म्यूचुअल फंड्स में फ्लो इससे नीचे आ गया। फंड इंडस्ट्री की संस्था एंफी के अनुसार जून में एसआईपी के जरिए म्यूचुअल फंडों में 7927 करोड़ रुपए हैं।
कुछ फंड हाउसेज की ओर से मिली हुई पॉज की सुविधा
कैश फ्लो के अलावा कुछ फंड हाउसेज की ओर से अपने इंवेस्टर्स के लिए एसआईपी पॉज की सुविधा दी है। इंवेस्टर्स की ओर से तीन से चार महीने एसआईपर में निवेश पर ब्रेक लगा सकते हैं। जिसकी वजह से कुल मंथली इंवेस्टमेंट में गिरावट देखने को मिली है। जानकारों की मानें तो अक्टूबर तक यह परिस्थिति बदल सकती है। एंफी के अनुसार इंवेस्टर्स की ओर से एसआईपी पॉज का विकल्प चुना होगा। फोर्थ क्वार्ट में एसआई कंट्रीब्यूशन में तेजी देखने को मिल सकती है।
इनकी बढ़ी मुश्किलें
फंड इंडस्ट्री के जून के आंकड़ों के अनुसार नए एसआईपी का रजिस्ट्रेशन बढ़ गया है। यानी नए इंवेस्टमेंट बढ़ गए हैं। एग्रीगेट बेसिस पर इंडस्ट्री का टोटल एसेट अंडर मैनेजमेंट 25 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा हो गया है। जबकि अप्रैल से यह इस स्तर लगातार नीचे बना हुआ था।
Updated on:
09 Jul 2020 05:05 pm
Published on:
09 Jul 2020 05:03 pm
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