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मुजफ्फरनगर. देश में शुक्रवार को चंद्रगहण के बाद शनिवार की सुबह मुजफ्फरनगर में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप 8 बजकर 35 मिनट पर आया, जिसकी तीव्रता 3.5 मापी गई है। अभी तक किसी तरह के नुकसान की सूचना नहीं है। यहां बता दें कि खगोलविदों ने चंद्रग्रहण के बाद पहले ही भूकंप की आशंका जताई थी। मेरठ के वरिष्ठ खगोलविद डॉ. कंचन सिंह ने बताया था कि मंगल ग्रह और चंद्र ग्रहण की संयुक्त खगोलीय घटना के कारण विश्व के किसी भी हिस्से में भूकंप आ सकता है, क्योंकि इससे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण पर इसका प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, प्रशासन को इस की खबर तक नहीं लगी। इस संबंध में जब मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं मिला। इसके बाद मुजफ्फरनगर के एडीएम हरीशचंद्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इसकी पुष्टि नहीं कर सकते हैं, क्योंकि हमें भूकंप के झटके महसूस नहीं हुए हैं। ऐसा लगता है कि जिले के सभी अाला अधिकारी केन्द्रीय मंत्री वीके सिंह के आवभगत में इतने इतने मशरूफ हैं कि उन्हें भकंप का भी पता नहीं चला। गौरतलब है कि केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह मुज़फ्फरनगर के बघरा महुंचे हुए हैं। वे यहां कृषि विज्ञान केंद्र की समीक्षा बैठक में शामिल होने आए हैं। जिलाधिकारी राजीव कुमार शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी अर्चना वर्मा सहित कृषि से जुड़े अधिकारियों के अलावा सैंकड़ों किसान भी इस समीक्षा बैठक में शामिल हुए।
खबरों के मुताबिक शनिवार की सुबह मुजफ्फरनगर में हल्के भूकंप के झटके महसूस किए गए। रुक-रुककर हो रही बारिश के बीच अचानक भूकंप के झटके आने से लोग घरों के बाहर आ गए। हालांकि तीव्रता काफी कम होने के कारण कहीं से किसी जनहानि या नुकसान की खबर नहीं है। अब इसे चंद्रग्रहण से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, मेरठ की वरिष्ठ खगोलविद् डाॅ. कंचन सिंह ने चंद्रग्रहण से पहले ही भूंंकप की संभावना व्यक्त की थी। उन्होंने पत्रिका को बताया था कि सदी के सबसे लंबे चंद्रगहण को लेकर खगोल विशेषज्ञों समेत ज्योतिषियों और विज्ञान में रुचि रखने वाले सभी लोगों को काफी उत्सुकता है। उनका कहना था कि चंद्रग्रहण के दौरान मंगल ग्रह पृथ्वी के अधिक निकट आ जाएगा। मंगल ग्रह के पृथ्वी पर अधिक नजदीक आने की यह खगोलीय घटना सदी में पहली बार हो रही है। उन्होंने बताया था कि नासा ने इसके प्रयोग और अध्ययन के लिए अंतरिक्ष और अपने परिसर में विशालकाय दूरबीन लगाई है, जिससे इस ग्रह का अध्ययन ग्रहण काल के दौरान किया जा सके।
डाॅ. कंचन सिंह ने बताया था कि मंगल ग्रह और चंद्र ग्रहण की संयुक्त खगोलीय घटना के कारण विश्व के किसी भी हिस्से में भूकंप आने की आशंका है, क्योंकि इससे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण पर इसका प्रभाव पड़ेगा। डॉ. कंचन सिंह के मुताबिक एक वर्ष के भीतर होने वाले ग्रहणों में चार सूर्यग्रहण और तीन चंद्रग्रहण या फिर पांच सूर्यग्रहण और दो चंद्रग्रहण का संयोजन होता है। अगर एक वर्ष में सिर्फ दो ही ग्रहण होते हैं तो वे दोनों सूर्यग्रहण होते हैं।
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इस बीच मौसम विभाग ने फिर से अगले 24 घण्टे के भीतर यूपी के मेरठ, शामली, बागपत , मुज़फ्फरनगर और सहारनपुर में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। गौरतलब है कि यूपी के इन जिलों में पहले से ही बारिश आफत बन चुकी है। मूसलाधार बारिश की वजह से जहां एक ओर जलभराव हो गया है। वहीं, दूसरी ओर कई लोगों की जानें भी चली गई हैं। उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की वजह से पिछले 48 घंटे में 33 लोगों की अब तक मौत हो गई है। इतना ही नहीं, कई कच्चे मकान भी गिर गए हैं, जिससे लोगों में अब दहशत का माहौल बना हुआ है।
Updated on:
28 Jul 2018 04:20 pm
Published on:
28 Jul 2018 02:40 pm
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