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बढ़र्इ का काम करने वाले कैराना के इस कारीगर के पास से हरियाणा में मिले हैंड ग्रेनेड आैर असलाह, सबके उड़ गए होश!

सीआईए की विशेष टीम ने किया गिरफ्तार, जींद में करता था फर्नीचर का काम  

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muzaffarnagar

बढ़र्इ का काम करने वाले कैराना के इस कारीगर के पास से हरियाणा में मिले हैंड ग्रेनेड आैर असलाह, सबके उड़ गए होश!

शामली। बदनामी का दंश झेल रहे कैराना के मस्तक पर एक बार फिर बदनुमा दाग लगा है। इस बार कैराना नगर के निवासी इसरार को हरियाणा के जनपद हांसी में गिरफ्तार किया गया है। इसरार के कब्जे से पांच हैंड ग्रेनेड व एक लोडेड पिस्तौल बरामद हुई है। गिरफ्तारी के बाद से, जहां कैराना फिर से सुर्खियों में आ गया है, तो वहीं खुफिया तंत्र भी अलर्ट हो गया है। खुफिया तंत्र आरोपित के करीबियों की कुंडली खंगालने में जुट गया है।

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सीआर्इए की विशेष टीम ने इसरार को पकड़ा

हरियाणा के जनपद हांसी में सीआईए की विशेष टीम ने बुधवार को कैराना के मोहल्ला दरबार खुर्द रेतावाला वार्ड-13 निवासी इसरार पुत्र अशरफ के पकड़ा है। आरोपित के कब्जे से पांच हैंड ग्रेनेड व एक लोडेड पिस्तौल बरामद किया। इसके बावजूद यहां आरोपी के परिजनों को उसके पकड़े जाने की कोई खबर नहीं है। इसरार के भाई अकबर ने बताया कि बीते रविवार को युवक उसके भाई को बढ़ई का काम करने के बहाने से हरियाणा ले गया था, जिसकी भाषा व बोलचाल से वह हरियाणा का ही लग रहा था। तभी से उसके भाई से उनका कोई संपर्क नहीं हो रहा था, जिस कारण वह भी परेशान थे। इसरार काफी दिनों से हरियाणा के जींद में ही रहकर कोठियों में फर्नीचर का सामान बनाया करता था। वहीं, इसरार की पत्नी इमराना ने बताया कि उसे अपने पति के पकड़े जाने की कोई जानकारी नहीं है। आरोप लगाया कि वह पकड़ा नहीं गया, बल्कि फंसाया गया है। पत्नी ने आगे बताया कि उसके पति पर कोई केस भी नहीं है। हालांकि, वह आपसी पड़ोस के झगड़े में एक बार कोतवाली में बंद हुआ था, लेकिन उसमें फैसला हो गया था। दूसरी ओर, आरोपी के हैंड ग्रेनेड के साथ हुई गिरफ्तारी के बाद कैराना फिर से सुर्खियों में आ गया है। कैराना के शातिर विदेशी हथियार, जाली करेंसी व मादक पदार्थों की तस्करी को अंजाम दे चुके हैं, इसीलिए कैराना पर माथे पर दाग लगता रहा है। स्थानीय खुफिया तंत्र ने आरोपी के करीबियों की कुंडली खंगालनी शुरू कर दी है।

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मध्यमवर्ग परिवार का हिस्सा

कैराना के मोहल्ला रेतावाला में इसरार का मकान है। जिसमें दो कमरे हैं, जिनमें मैन गेट लोहे का लगा हुआ है, जबकि कमरों की दीवारों पर प्लास्टर हो रहा है। कमरों के गेट पर पर्दा लटका हुआ था। बताया गया कि उसके 5 लड़की और 7 लड़के हैं। इसके अलावा वह चार भाई इसरार, यूनुस, यूसुफ व अकबर हैं। इनमें यूसुफ सबसे बड़ा है। माता-पिता दुनिया से विदा हो चुके हैं। बाकी सभी भाई भी बढ़ई व मेहनत-मजदूरी करके अपने परिवार का पालन-पोषण करते हैं।

यूं बनाए गए ग्रेनेड

हांसी सीआईए ने दावा किया कि आरोपित इसरार जींद और हिसार में 50 से अधिक असलाह सप्लाई कर चुका है। जींद में उसके खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला भी दर्ज है। इसरार को सुनील नामक युवक ने पांच हथगोले की डिमांड की थी, जिसकी सप्लाई देने के लिए उसने हामी भरी थी, जिसके बाद इसरार ने हैंड ग्रेनेडों को बजरी, पोटास व अन्य ज्वलनशील एवं विस्फोटक पदार्थ भरकर तैयार किए तथा कैराना से चलकर बस स्टैंड के समीप सुनील नामक एक व्यक्ति को सप्लाई देने के लिए आ रहा था, तभी उसे धरदबोच लिया गया। सीआईए ने कहा है कि वहां पेटवाड़ बैंक में हुए लूट प्रकरण में भी इसरार के लुटेरों से संपर्क हो सकते हैं।

बढ़ई से हैंड ग्रेनेड तक इसरार

बताया जा रहा है कि कई वर्षों से इसरार हरियाणा के जींद में रहकर कोठियों में फर्नीचर बनाने का ठेका लेकर सामान बनाया करता था। जबकि उसका पूरा परिवार कैराना में रहता था। जींद से वह कभी एक सप्ताह तो कभी पंद्रह दिन में घर आता था। सवाल यही है कि आखिर बढ़ई का कार्य छोड़कर वह विस्फोटक हैंड ग्रेनेड बनाने तक कैसे पहुंच गया। फिलहाल, सीआईए ने आरोपी को रिमांड पर लिया हुआ है। सीआईए तमाम जांच-पड़ताल करने में जुटा हुआ है। कहना है कि आरोपी की क्या योजना थी और वह किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़ा था।


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