
हिन्दूवादी नेता ने अमित शाह के खिलाफ खोला मोर्चा, बोले नैतिकता बची है तो पद से इस्तीफा दें
मुजफ्फरनगर. हिंदू रक्षा सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष और महामंडलेश्वर स्वामी प्रबोधानन्द गिरी बुधवार को मुजफ्फरनगर के दौरे पर पहुंचे। इस दौरान उन्होंने अपनी पार्टी का विस्तार करते हुए मुजफ्फरनगर में हरेंद्र सिंह राणा को जिला अध्यक्ष और नीरज शर्मा को मीडिया प्रभारी नियुक्त करते हुए हिंदुओं की रक्षा करने का संकल्प लिया। इस अवसर पर स्वामी प्रबोधानन्द गिरी ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने इन लोोगं पर हिंदुओं के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। इस मौके पर उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भी जमकर जहर उगला और सभी सभी मुसलमानों को आंतकवादी और देश दरोही जैसे आपत्तिजनक शब्दों का भी प्रयोग किया।
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भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ बोलते हुए उन्होंने कहा कि बंगारू लक्ष्मण पर एक लाख रुपए रिश्वत लेने का आरोप लगा वह कोई आरोप नहीं था, लेकिन उसके बाद भी उन से त्यागपत्र लिया गया और आरोप साबित नहीं हुआ,फिर भी उसको दोबारा अध्यक्ष नहीं बनाया गया। नितिन गडकरी पर आरोप लगा और आरोप सिद्ध भी नहीं हुआ, लेकिन राष्ट्रीय पद से छोड़ना पड़ा। यह देश का दुर्भाग्य है कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पर आरोप लगा है और वह त्यागपत्र नहीं दे रहे हैं। यह भाजपा के इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है। यह वास्तव में भारतीय जनता पार्टी के लिए आने वाले समय में दुखद होगा, क्योंकि जो पार्टी की स्वच्छता और पवित्रता है यह दोहरी मानसिकता नहीं चलेगी। उन्होंने सवालिया लहजे में पूछा कि क्या दिक्कत है त्यागपत्र देकर बेटे की जांच कराने में। वास्तव में अगर अमित शाह के बेटे जय शाह ने ईमानदारी से कमाया है तो जांच के बाद आरोप साफ हो जाएगा। तब फिर से वे दोबारा अध्यक्ष बने। भाजपा में यही परंपरा रही है। उन्होंने कहा कि मैं तो आगे की बात कहता हूं कि जैसे मोदी की छवि पूरे देश में स्वच्छ मानी जाती है। इसलिए प्रधानमंत्री मोदी को दो कदम आगे बढ़कर जाना चाहिए। आज पूरा विश्व उनकी तरफ देखता है। पूरे विश्व में उनका सम्मान है। इसीलिए उनको खुद कहना चाहिए कि अमित शाह जी आप त्यागपत्र दो और नहीं दे तो त्यागपत्र ले लेना चाहिए।
जय शाह के कारनामों की सीबीआई की उठाई मांग
प्रबोधानन्द ने आगे सहा कि पार्टी में एक व्यवस्था होती है और सीबीआई की जांच बैठा देनी चाहिए। CBI की जांच बैठेगी तो उसे पता चल जाएगा कि क्या दिक्कत है, जब आप सब की जांच कराते हो तो क्या 16000 करोड़ की जांच नहीं होनी चाहिए। जरूर होनी चाहिए, जब नेता और विधायकों को यह लगता है 16,000 करोड़ का आरोप लगने के बाद भी कुछ नहीं होगा तो हमें भी कुछ ना कुछ करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कुछ करने का अवसर नहीं मिल रहा है, इसलिए इमानदार आदमी से परेशानी हो रही है।
योगी की जमकर की तारीफ
प्रबोधानन्द ने आगे कहा कि 1947 के बाद पहला मुख्यमंत्री मिला है, जो इतना ईमानदार है कि उसके यहां एक पैसे का पहुंचना नहीं होता। यह पहली बार है। नहीं तो लोग मुख्यमंत्री आवास में पैसा लिए पड़े रहते थे। हमने सब देखा है। अगर ऐसा मुख्यमंत्री मिला तो उत्तर प्रदेश का सौभाग्य है। उसके साथ सहयोग करना चाहिए। सहयोग की जगह अगर आप असहयोग कर रहे हो तो इसका मतलब आपकी नियत में खोट है। कहीं ना कहीं मामला गड़बड़ है।
Published on:
07 Jun 2018 11:28 am
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