घटना के बाद अब पीड़ित व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया social media
पर वायरल हो रहा है। युवक ने अपना नाम सचिन सैनी निवासी गांव पलडी थाना शाहपुर बताया है। वीडियो में वह रो-रोकर जोर जोर-जोर से चिल्ला रहा है और पत्नी समेत पत्नी के पेट में मौजूद छह माह के बच्चे की मौत के लिए मेडिकल कॉलेज के स्टाफ को जिम्मेदार ठहरा रहा है। पीड़ित युवक लोगों से अपील भी कर रहा है कि इस वीडियो को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ताकि यहां की मेडिकल व्यवस्था का सभी लोगों को पता चल सके।
इस दौरान वायरल वीडियो में मृतक महिला अंजली के परिजन व ससुराल पक्ष के लोग भी दिखाई दे रहे हैं। आरोप है कि तमाम लोग जो मेडिकल कॉलेज में भर्ती है उनका सही से इलाज नहीं हो रहा है। वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। वायरल वीडियो में पीड़ित सचिन का आरोप है कि उसकी पत्नी की एंटीजन रिपोर्ट निगेटिव आयी जिसके बाद पहले तो मेडिकल स्टाफ उसकी पत्नी को आरटी पीसीआर रिपोर्ट आने के बाद भर्ती करने की बात कह रहा था मगर डॉक्टरों ने उसे कोविड वार्ड में भर्ती कर दिया जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई। मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज से वहां की अव्यवस्थाओं की वीडियो वायरल होने के कई घंटे बाद मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल का बयान भी सामने आया है।
प्रिंसिपल डॉक्टर जीएस मनचंदा का कहना है कि मेडिकल स्टाफ पर लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं। बताया कि शुक्रवार को अंजलि पत्नी सचिन कुमार नाम की एक महिला आई थी जो गर्भवती थी जिनका केस आईडी मुज़फ्फरनगर सीएमओ की तरफ से जेनरेट हुआ था। इनका रेपिड एंटीजन टेस्ट पोजेटिव था और ये 108 एम्बुलेंस से आयी थी। इनका रेपिड एंटीजन टेस्ट पोजेटिव आने और यूपी सरकार के निर्देशों के अनुसार गर्भवती महिलाओं के तुरंत इलाज हो इस वजह से इन्हें भर्ती किया गया था। इलाज शुरू हुआ तो इनके मरीज को लक्षण के आधार पर इलाज दिया जा रहा था मगर वह नहीं बच सकी।