जानकारी के अनुसार थाना भोपा क्षेत्र के गांव बिहार गढ़ (इलाहाबास) में सरकार द्वारा पीर खुशहाल को सन 1975 में लगभग 6.5 हेक्टेयर जमीन 30 वर्ष की लीज पर दी थी। देखते ही देखते यह क्षेत्र हस्तिनापुर सेंचुरी के अंतर्गत चिन्हित किया गया। पीर खुशहाल की रिलीज 2005 में खत्म हो गई थी। जिसके बाद वन विभाग की ओर से जमीन को खाली कराने का नोटिस पीर खुशहाल को दिया गया था। मगर मामला कोर्ट में जाने के बाद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई थी। समय-समय पर वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जे को लेकर पीर खुशहाल चर्चाओं में भी बना रहा।
वर्ष 2016 में फिर वन विभाग द्वारा जमीन को खाली कराने का नोटिस भेजा गया। वहीं इसी साल उक्त जमीन पर वन विभाग द्वारा बोर्ड भी लगाया गया था। मगर उसके बावजूद भी जमीन खाली नहीं कराई गई थी। बुधवार को प्रभागीय निदेशक सामाजिक वानिकी प्रभाग मुज़फ्फरनगर सूरज सिंह व अपर जिलाधिकारी प्रशासन अमित कुमार, उप जिलाधिकारी जानसठ अजय अम्बष्ट भारी पुलिस बल के साथ गांव में पहुंचे और जेसीबी के द्वारा धवास्ति करण कर जमीन को कब्जा मुक्त कराया। हालांकि इस दौरान पीर खुशहाल की पत्नी नाजिया अफरीदी ने प्रशासनिक अधिकारियों पर एकतरफा कार्रवाई करने का भी आरोप लगाया है। उनका आरोप है कि उनके पास उक्त जमीन का कोर्ट का स्टे है। मगर उसके बावजूद भी अधिकारियों ने एक तरफा कार्रवाई की है।