दरअसल आपको बता दें कि यह पूरा मामला जनपद शामली के झिंझाना थाना क्षेत्र के रंगाना गांव के जंगलों का हैं। बकाैल शामली एसपी, पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि गांव के जंगल में कुछ बदमाश छिपे हुए हैं, जो किसी बड़ी वारदात को अंजाम दे सकते हैं। पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर बदमाशों की घेराबंदी करते हुए गिरफ्तारी का प्रयास किया। बदमाशों ने अपने आप को घिरता हुआ देख पुलिस टीम पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस पर पुलिस टीम ने भी जवाबी फायरिंग की और दोनों ओर से दर्जनों राउंड गोलियां चली, जिसमें दो बदमाश अमृत सिंह निवासी करनाल और गुर्जन उर्फ गुर्जनता निवासी ढिंढवली के पैरों में पुलिस की गोली लगने से वह जंगल में गिर पड़े, जबकि तीसरे बदमाश करण सिंह ने खुद को सरेंडर कर दिया। पुलिस ने मौके से सभी बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया। इस मुठभेड़ में तीन पुलिसकर्मी भी घायल हो गए। जिनका नाम क्राइम ब्रांच प्रभारी सतपाल सिंह, क्राइम ब्रांच के सिपाही जगदीश पूनिया, चौसाना चौकी इंचार्ज अजय कसाना हैं। पुलिस ने मुठभेड़ में घायल सभी पुलिसकर्मी और बदमाशों को उपचार के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां सभी का उपचार जारी है।
पकड़े गए बदमाशों ने गत 2 अक्टूबर की रात को चौसाना समुद्री मार्ग पर स्थित पुलिस पिकेट पर हमल कर दो सरकारी राइफल को लूट ली थी। विरोध करने पर बदमाशों ने होमगार्ड को गोली मार कर मौके से फरार हो गए थे। जिसमे पुलिस को बदमाशो की तलाश थी। पुलिस बदमाशों की गिरफ्तारी हेतु लगातार दबिश दे रही थी।
मुठभेड़ के बाद पुलिस टीम ने बदमाशों के कब्जे से पुलिस से लूटे गए दोनों हथियारों को बरामद कर लिया है। जिनमें एक इंसास राइफल भी शामिल है। इसके अलावा दो मोटरसाइकिल व लूट में प्रयुक्त पिस्टल भी बरामद कर लिया है। एसपी शामली दिनेश कुमार पुलिस पकड़े गए बदमाशो से पूछताछ कर रही है और बदमाशो के आपराधिक इतिहास को खंगाल रही हैं।