
गच्छीपुरा. सीएचसी में पीहर पक्ष के बयान दर्ज करती पुलिस।
गच्छीपुरा (नागौर) . गच्छीपुरा थाना क्षेत्र के नुन्दड़ा गांव में मंगलवार रात को खानाबदोश जाति की एक शादीशुदा बालिका की संदिग्द परिस्थिति में मौत हो गई। बालिका की उम्र १३ से १६ वर्ष के बीच बताई गई है। जो सालभर से ससुराल में रह रही थी। हैरत की बात यह रही कि बालिका की मौत को लेकर पीहर और ससुराल पक्ष के बीच दिनभर कहासुनी चलती रही। पीहर पक्ष ने पहले तो पुलिस को कार्रवाई की मांग की रिपोर्ट सौंपी और बाद में कार्रवाई नहीं चाहने का लिखकर दे दिया।
पुलिस और ग्रामीणों के अनुसार ग्राम नुन्दड़ा में हाथीराम बनबागरिये की पुत्रवधु साबुड़ी पत्नी मोतीराम मंगलवार को बकरियां चराने गई थी। जो दोपहर बाद लडख़ड़ाती हुई डेरे पर पहुंची। इस पर ससुराल पक्ष के लोग उसे लेकर राजकीय चिकित्सालय कुचामन सिटी पहुंचे। जहां से उसे अजमेर रैफर कर दिया। अजमेर ले जाते समय मंगलवार को ही रास्ते में साबुड़ी की मौत हो गई। ससुराल पक्ष ने शव को रातभर अपने डेरे में रखे रखा। बुधवार को गच्छीपुरा पुलिस को सूचना मिलने पर शव को गच्छीपुरा अस्पताल लाया गया। वहीं पीहर पक्ष को बुलाया। जहां दिनभर दोनों पक्षों के बीच कहासुनी चलती रही। इस बीच दोपहर को पहले तो पीहर पक्ष ने कार्रवाई की मांग की रिपोर्ट पुलिस को सौंपी और बाद में राजीनाम पेश कर दिया।
पुलिस व ससुराल पक्ष के लोगों ने बताया कि अज्ञात स्थिति में साबुड़ी ने कहीे पर विषाक्त पदार्थ का सेवन कर लिया होगा। जिससे मौत हो गई।
पीहर पक्ष ने पहले दी रिपोर्ट, फिर किया राजीनामा
पुलिस की सूचना पर बालिका के पिता बल्लुराम व माता गोगली ने गच्छीपुरा पहुंचकर पुलिस को रिपोर्ट दी। जिसमें बताया कि उनकी पुत्री की शादी १२ महिने पहले हुई थी। ससुर हाथीराम, सास व पति मोतीराम शादी के बाद से ही मारपीट करते रहे हैं और प्रताडि़त करने से उसकी मौत हुई है। बाद में दोनों पक्षों में आपसी बातचीत से पीहर पक्ष ने ससुराल पक्ष से राजीनामा कर दिया। पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्ष रुपयों का लेन देन करते देखे गए।
एक साल पहले 30 हजार में बेची बेटी
साबुड़ी की मां गोगली व पिता बल्लुराम निवासी फोगली ने बताया कि एक साल पहले समाज के रीति रिवाज के अनुसार 30 हजार रुपए लेकर मोतीराम के साथ बेटी की शादी की थी। जिसके बाद ससुराल वालों ने कभी उसे पीहर नहीं भेजा। मौत होने के बाद फोन पर सूचना हाथीराम ने दी थी।
बयानों में उम्र की उलझन
साबुड़ी की उम्र को लेकर पुलिस भी उलझी रही। रिपोर्ट में माता पिता ने उसकी उम्र 13 साल बताई। जबकि राजकीय अस्पताल कुचामन में उसकी उम्र 16 साल लिखी गई। वहीं राजीनामा होने के बाद पीहर वाले उम्र 20 साल बताने लगे।
मेडिकल बोर्ड ने किया पोस्टमार्टम
नागौर सीएमएचओ मेहराम महिया ने तीन चिकित्सकों की टीम बनाई। जिसमें डॉ.मिथलैश, डॉ.पकज शर्मा व बेसरोली के डॉ.दीपक की टीम बनाई। लेकिन गच्छीपुरा सीएचसी में कार्यरत डॉ.मिथलैश व पकज शर्मा ने ही पोस्टमार्टम कर शव पीहर पक्ष को सौंप दिया।
मामले में मर्ग दर्ज किया गया है। जिसकी जांच मकराना उपखंड मजिस्ट्रेट करेंगे।
-नंदलाल सैनी, पुलिस वृत्ताधिकारी, डेगाना
Published on:
09 Feb 2022 08:22 pm
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